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अयोध्या मामले के वादियों ने कहा, विहिप, शिवसेना के आयोजनों से पहले मुसलमानों में डर

विहिप 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन शुरू करने की योजना बना रहा है, वहीं शिवसेना ने उसी दिन अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी रैली कराने की घोषणा की है।

<p>A wall of bricks bearing 'Shri Ram' chants seen at the...- India TV Hindi A wall of bricks bearing 'Shri Ram' chants seen at the Ram Janmabhomi Nyas-run workshop at Karsevakpuram in Ayodhya

फैजाबाद: अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना की प्रस्तावित रैलियों से कुछ दिन पहले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के तीन मुस्लिम वादियों ने बुधवार को दावा किया कि उनके समुदाय के सदस्य असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और शहर छोड़ने के बारे में सोच सकते हैं।

विहिप 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन शुरू करने की योजना बना रहा है, वहीं शिवसेना ने उसी दिन अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी रैली कराने की घोषणा की है। ठाकरे एक दिन पहले यहां पहुंचेंगे और करीब 100 हिंदू धर्माचार्यों को सम्मानित करेंगे।

दोनों दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि उनके लाखों कार्यकर्ता और रामभक्त अयोध्या में पहुंचकर इन समारोहों में भाग लेंगे। अयोध्या विवाद में तीनों मुस्लिम वादियों- इकबाल अंसारी, हाजी महबूब और मोहम्मद उमर ने पीटीआई से बातचीत में दावा किया कि उनके समुदाय के सदस्यों को जान का डर सता रहा है। उन्होंने सुरक्षा की मांग की।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फैजाबाद के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने उन्हें पूरी तरह सुरक्षा और जान-माल की हिफाजत का आश्वासन दिया। डर व्यक्त करते हुए अंसारी ने बुधवार को कहा, ‘‘विहिप और शिवसेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अयोध्या में एकत्रित हो रहे हैं, जिससे यहां मुस्लिम समुदाय बहुत डरा हुआ महसूस कर रहा है। हम अयोध्या छोड़ सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से मांग करते हैं कि विहिप और शिवसेना कार्यकर्ताओं के उपद्रव से मुसलमानों की जान और संपत्तियों को बचाने के लिए विशेष बल तैनात किये जाएं। वे अयोध्या को मुस्लिम मुक्त बनाने के अपने गुप्त एजेंडा के लिए हमला कर सकते हैं।’’

हाजी महबूब ने भी अंसारी के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या के मुसलमानों को अब भी छह दिसंबर का दिन याद है जब उन पर हमला किया गया था।’’ मोहम्मद उमर ने भी इस आशंका का समर्थन किया।

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