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अरुण जेटली ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-क्या केवल मोदी विरोध ही कांग्रेस की विचारधारा है?

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर ये कहकर करारा हमला किया है कि पार्टी की अब अपनी कोई विचारधारा नहीं बची, सिर्फ मोदी का विरोध करना ही कांग्रेस की एकमात्र विचारधारा बन गई है।

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नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर ये कहकर करारा हमला किया है कि पार्टी की अब अपनी कोई विचारधारा नहीं बची, सिर्फ मोदी का विरोध करना ही कांग्रेस की एकमात्र विचारधारा बन गई है। जेटली ने  फेसबुक पर अपने एक ब्लॉग में लिखा है कि वंशवाद वाली पार्टियां परिवार और व्यक्ति के हिसाब से चलती हैं। ऐसी पार्टियों में विचारधारा की कोई जगह नहीं होती। अपने फायदे के हिसाब से आप कभी पिछड़ा वर्ग का विरोध करते हैं और कभी घड़ियाली आंसू बहाने लगते हैं।

उन्होंने लिखा है, 'कभी आप पकौड़े वालों का मजाक उड़ाते हैं और कभी ढाबे वालों का बखान करते हैं। जिन नेताओं को कम जानकारी होती है, वो ऐसा ही करते हैं। ऐसा तभी होता है जब पार्टी की अपनी कोई विचारधारा नहीं रह जाती और आप क्षेत्रीय दलों के पिछलग्गू बनने को भी तैयार हो जाते हैं। ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि आपमें नरेंद्र मोदी नाम का खौफ समाया हुआ है।'

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जेटली के अनुसार 2008-2014 के दौरान यूपीए सरकार ने बैंकों के जरिए 15 बड़े कर्जदारों को बिना सोचे विचारे पैसा दिया। उन्होंने कहा है कि गांधी (जर्मनी के राजनीतिज्ञ) गोएबल्स का तरीका अपनाते हुए ‘ तथ्य से विपरीत बातें कर रहे हैं।’ जेटली ने लिखा है ,‘ एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के लिए बैंक परिचालन की प्राथमिक प्रक्रिया की समझ नहीं होना पूरी पार्टी ही नहीं देश के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। वंशवाद आधारित राजनीतिक दलों में राजनीतिक पद वंशानुगत होते हैं। दुर्भाग्य से बुद्धिमानी वंशानुगत नहीं होती है। यह सीख कर हासिल की जाती है।’ 

राहुल गांधी ने इसी सप्ताह एक कार्यक्रम में मोदी की नीतियों पर प्रहार के लिए अमेरिका के सफल उद्योगपतियों का हवाला दिया था। उन्होंने कोका - कोला के संस्थापक को ‘ शिकंजी बेचने वाला ’ व मैक्डोनाल्डस के संस्थापक को ‘ डब्बावाला ’ बताया था। जेटली के अनुसार ,‘ उन्होंने जो कुछ कहा वह तथ्यात्मक रूप से गलत था लेकिन बड़ा बिंदु यही है कि उन्होंने उन कामों में ऐसे गुण देखे जो अनेक स्टार्टअप शुरू करने का आधार बन सकते हैं। ’ 

राहुल पर तंज कसते हुए जेटली ने लिखा है ,‘ भारत एक खोज ’ जैसी महान रचना के लेखक (जवाहरलाल नेहरू) के ये पड़ - नाती अपनी ‘ त्रुटियों ’ की इसी प्रथा पर चलते हुए इस देश को ‘ कोका कोला की खोज ’ शीर्षक एक महान कृति दे सकते है। उन्होंने कहा कि गांधी के बयान में कुछ भी वैचारिक नहीं है बल्कि इसमें ‘ सिर्फ मोदी - विरोध की जड़ता दिखती है। ’ जेटली के अनुसार वंशवाद आधारित राजनीतिक दलों में ‘ व्यक्ति व परिवार ’ विशेष की चलती है और विचारधारा को कोई नहीं पूछता। 

जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि कुछ हफ्ते पहले यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रह चुके पी चिदंबरम ने यह दावा किया कि पकौड़ा तलना रोजगार सृजन नहीं है। शायद वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सफलता की कहानी को निष्प्रभावी करना चाहते थे जहां कमजोर वर्ग के लोगों को स्वरोजगार के लिए 12.90 करोड़ लोन दिए जा चुके थे। इस योजना के मद में अबतक 6 लाख करोड़ लोन दिए जा चुके हैं। स्वाभाविक तौर पर इस योजना से उन लाखों लोगों को नए कार्य शुरू करने का अवसर मिला जिससे रोजगार का सृजन हुआ।

अरुण जेटली ने लिखा कि वंशवादी राजनीतिक दलों पर एक परिवार हावी रहता है और विचारधारा पीछे छूट जाती है। जब आप आपना फायदा समझते हैं तब आप ओबीसी का विरोध करते हैं। अवसरों के मुताबिक घड़ियाली आंसू बहाने से भी बाज नहीं आते। आप पकौड़ा तलने को रोजगार से जोड़कर नहीं देखते बल्कि उनका मजाक उड़ाते हैं। आपके मुताबिक ढाबा चलानेवाले भी रोजगार के दायरे में नहीं है। ऐसे नेताओं को मिली गलत सूचनाएं विचारधारा बन जाती हैं और ऐसा तब होता है जब पार्टी पूरी तरह से विचारधाराहीन होता है। पार्टी खुद को हाशिए पर ला खड़ा करते हैं और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में अपना भविष्य टटोलती है। यह सब केवल एक शख्स नरेंद्र मोदी के खौफ की वजह से हो रह है। 

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