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Hindi News भारत राजनीति पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, 'कांग्रेस के 55 साल सत्ताभोग के, बीजेपी सरकार के 55 महीने सेवाभाव के'

पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, 'कांग्रेस के 55 साल सत्ताभोग के, बीजेपी सरकार के 55 महीने सेवाभाव के'

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को 55 महीनों में आवास, सिंचाई, रक्षा, स्वच्छता आदि क्षेत्रों में वे काम करने पड़े जो आजादी के बाद अगले दो दशकों में हो जाने चाहिए थे।

PM Narendra Modi in loksabha- India TV Hindi Image Source : PTI PM Narendra Modi in loksabha

नयी दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व वाली विभिन्न सरकारों के 55 साल के शासनकाल को ‘‘सत्ताभोग के वर्ष’’ और अपनी सरकार के 55 महीने के कार्यकाल को ‘‘सेवाभाव के साल’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल विमान सौदे, रोजगार सृजन और भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा बनाये जाने वाले गठबंधनों को ‘महामिलावट’ बताते हुए अतीत में इस तरह के प्रयोगों के बहुत सफल नहीं रहने का दावा किया। 

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को 55 महीनों में आवास, सिंचाई, रक्षा, स्वच्छता आदि क्षेत्रों में वे काम करने पड़े जो आजादी के बाद अगले दो दशकों में हो जाने चाहिए थे। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा कि देश में आपातकाल लगाने वाले, चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करने वाले, न्यायपालिका, सेना व जांच एजेंसी का अपमान करने वालों के मुंह से उनके (मोदी) ऊपर संस्थानों को खत्म करने के आरोप शोभा नहीं देते हैं। 

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बृहस्पतिवार को मोदी ने आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों के महागठबंधन के प्रयासों को ‘महामिलावट’ की संज्ञा दी। मोदी ने कहा कि देश ने यह महामिलावट 30 साल देखी है। स्वस्थ समाज महामिलावट से दूर रहता है और मजबूत लोकतंत्र में भरोसा करता है। ‘‘ महामिलावट अब चलने वाली नहीं है। देशवासी जनता के प्रति समर्पित सरकार चाहते हैं । ’’ 

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की विभिन्न सरकारों के शासनकाल के 55 साल सत्ताभोग वाले थे जबकि भाजपा की सरकार के 55 महीने सेवाभाव वाले साल रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहचान पारदर्शिता, ईमानदारी तथा भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने, जनता के लिये तेज गति से काम करने के रूप में बनी है। उन्होंने उज्ज्वला, सौभाग्य योजना, मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया आदि विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका लक्ष्य देश की गरीब जनता का स्तर ऊंचा उठाना है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानून बनाया। उन्होंने इस विधेयक का समर्थन देने के लिए सभी राजनीतिक दलों का आभार जताया।

प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे पर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन में सेना को निहत्था बनाकर रखा और वह नहीं चाहती कि देश की वायुसेना मजबूत हो। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस किसके फायदे के लिये राफेल सौदा रद्द कराना चाहती है? 

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर से (उनकी संभावित सरकार के खिलाफ) अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े । 

उन्होंने कहा कि हमारे पास समर्पण भाव है इसलिये दो सीटों से यहां तक पहुंच गए और अभिमान के कारण आप (कांग्रेस) 44 रह गए। मोदी ने सरकार के खिलाफ लगाये गये विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुये कहा कि यह चुनावी वर्ष है, इसलिये हर किसी की कुछ न कुछ बोलने की मजबूरी भी है। उन्होंने कहा ‘‘यह सही है कि यहां से हमें जनता के बीच जाकर अपने काम का हिसाब देना होता है। मैं आप सभी को चुनावी मैदान में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिये शुभकामनायें देता हूं।’’ 

प्रधानमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव में नयी पीढ़ी, खासकर पहली बार मतदाता बनने जा रहे युवा मतदाताओं की अहम भूमिका का जिक्र करते हुये कहा कि इस चुनाव में युवा पीढ़ी राष्ट्र को नयी दिशा देने में मददगार साबित होगी। 

मोदी ने सरकार की राह में आ रही बाधाओं के बावजूद विकास के मार्ग पर देश के अग्रसर होने का दावा करते हुये कहा ‘‘चुनौतियों को चुनौती देना जिस देश का स्वभाव होता है वही देश आगे बढ़ता है।’’ उन्होंने 55 साल के सत्ताभोग और 55 महीने की तुलना करते हुये कहा कि संप्रग के कार्यकाल में भारत जीडीपी के आधार पर 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और आज देश छठे पायदान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि स्टील उत्पादन, दूध उत्पादन में अव्वल और मोबाइल फोन निर्माण में भारत आज दुनिया में दूसरे स्थान पर है। 

उन्होंने सरकार की आलोचना का स्वागत करते हुये कहा ‘‘मोदी और भाजपा की आलोचना करना ठीक है। लेकिन ऐसा करते हुये देश की बुराई करना ठीक नहीं है। हमें यह सोचना होगा कि लंदन में प्रेस कांफ्रेंस कर झूठ बोलना कितना अच्छा है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर सच सुनने की आदत खत्म होने का आरोप लगाते हुये कहा, ‘‘उल्टा चोर चौकीदार को डांटे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने आपातकाल लगाया हो, सेना पर तख्तापलट का आरोप लगाया हो, योजना आयोग को जोकरों का समूह कहा हो, देश के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग की साजिश रच कर न्यायपालिका को धमकाने की कोशिश की हो, राज्यों में चुनी हुयी कई सरकारों को बर्खास्त किया हो, वे हम पर संस्थाओं को तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।’’ 

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संप्रग शासनकाल में कैबिनेट के एक फैसले से संबंधित दस्तावेज को फाड़े जाने की विगत में हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि कांग्रेस हमारी संस्थाओं का कितना सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें डरना ही होगा । ऐसे लोगों से लड़ने के लिये जिंदगी खपाई है। देश में चोर, लुटेरों को डर खत्म हो गया था, ऐसे लोगों के मन में डर पैदा करने के लिये जनता ने मुझे बिठाया है। 

विपक्ष के महागठबंधन की पहल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी गयी। उन्होंने विपक्ष के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘अब तो महामिलावट का प्रयास हो रहा है।’’ 

कांग्रेस एवं गांधी नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जब इतिहास की बात करते हैं तब बीसी और एडी का जिक्र आता है। शायद बीसी और एडी की कांग्रेस की परिभाषा अलग है । बीसी से कांग्रेस का आशय ‘‘बिफोर कांग्रेस (कांग्रेस से पूर्व)’’ है और एडी से उनका आशय ‘‘आफटर डायनेस्टी (परिवार के बाद)’’ है ।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार और कालाधन पर लगाम लगाने की अपनी सरकार की पहल का जिक्र किया । उन्होंने कहा कि बेनामी सम्पत्ति से जुड़ा कानून बनने से अब ऐसी सम्पत्ति उजागर हो रही है। उन्होंने इस संदर्भ में विदेशों से चंदा प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों का जिक्र करते हुए कहा कि जब सरकार ने लेखा जोखा मांगा तब से 20 हजार ऐसे संगठन बंद हो चुके हैं। 

रोजगार मुद्दे पर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के शासनकाल में पिछले 55 माह में सरकार की नीतियों, आधारभूत ढांचे के विकास, परिवहन, पर्यटन क्षेत्र के विस्तार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तीव्र विकास कार्यो के कारण संगठित और असंगठित, दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ है। 

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