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Hindi News भारत राजनीति जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख सकती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी : कपिल सिब्बल

जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख सकती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी : कपिल सिब्बल

सीबीएसई परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने का मुद्दा तूल पकड़ने के बीच आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला। पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख पाती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी।’’

Kapil Sibal, congress leader- India TV Hindi Image Source : PTI Kapil Sibal

नयी दिल्ली: सीबीएसई परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने का मुद्दा तूल पकड़ने के बीच आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला। पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख पाती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी।’’ सिब्बल ने आज संवाददताओं से कहा कि ऐसा लगता है कि माफिया ने इस देश की परीक्षा व्यवस्था को अपने नियंत्रण में कर लिया है। उन्होंने कहा कि आपको याद है कि जब व्यापम हुआ था तो कौन माफिया काम कर रहा था? ‘‘ कौन लोग पैसे देकर दूसरे लोगों को बैठा रहे थे। उम्मीदवार कौन था और परीक्षा कोई और दे रहा था। पैसे का लेनदेन हो रहा था..आहिस्ता-आहिस्ता सामने आयेगा कि कौन-कौन बड़े लोग थे? एसएससी भर्ती के घोटाले में भी माफिया। और अब सीबीएसई में भी घोटाला।’’ 

उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री मौन हैं। सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि 20 लाख बच्चों का इम्तिहान एक ही पेपर से लिया जा रहा है। पहले अलग अलग जोन में भिन्न पेपर होते थे। हम उसमें भी बदलाव करते थे। मान लीजिए कोई सवाल पहले नंबर पर होता था तो दूसरी जगह वही सवाल तीसरे नंबर पर हो जाता था। इससे यदि कुछ गड़बड़ी हुई भी तो फिर से परीक्षा केवल कुछ छोटी सी जगह पर होती थी। 

उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इतिहास में पहली बार इस प्रणाली को बदला क्यों? क्या इसके पीछे कोई दबाव था? उन्होंने यह भी कहा कि एचआरडी मंत्री ने आज तक यह नहीं बताया कि यह बदलाव किसने करवाया?  सिब्बल ने कहा, ‘‘जो सरकार प्रश्न पत्र को सुरक्षित नहीं रख सकती, वह देश को क्या सुरक्षित रख पाएंगी?’’ उन्होंने कहा कि यह क्या बात हुई कि दिल्ली में पेपर लीक हो जाए और कोई मंत्री भी इसकी जिम्मेदारी न ले? 

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दसवीं बोर्ड :परीक्षा: को वैकल्पिक रखने का सुझाव दिया था। सतत समग्र आकलन होना चाहिए, ग्रेडिंग प्रणाली होनी चाहिए ताकि बच्चों का तनाव खत्म हो सके।’’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि कई बच्चे तो परीक्षा के तनाव में आत्महत्या तक कर लेते हैं। ‘‘मैंने इस पर रोक लगाने की कोशिश की किंतु इन्होंने (वर्तमान सरकार ने) इसे नकार दिया।’’ पूर्व एचआरडी मंत्री ने कहा कि अब बच्चे दोबारा परीक्षा में बैठेंगे इससे न केवल उनका बल्कि अभिभावकों का तनाव भी बहुत बढ़ता है। उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार ने आज तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे जनता में यह संदेश जाए कि हम माफिया को खत्म करेंगे। यह तो माफिया को बचाने में लगे हुए हैं।

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