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कांग्रेस का आरोप, वर्मा के खिलाफ कार्रवाई में सरकार और सीवीसी के बीच सांठगांठ

कांग्रेस ने शनिवार का आरोप लगाया CBI प्रमुख आलोक वर्मा के अधिकार छीनने में सरकार और केंद्रीय सतर्कता आयोग के बीच सांठगांठ है।

Government and CVC were hand in glove in action against CBI chief, says Congress | PTI File- India TV Hindi Government and CVC were hand in glove in action against CBI chief, says Congress | PTI File

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार का आरोप लगाया CBI प्रमुख आलोक वर्मा के अधिकार छीनने में सरकार और केंद्रीय सतर्कता आयोग के बीच सांठगांठ है। कांग्रेस ने कहा कि यह राफेल सौदे की ‘जांच ठंडे बस्ते में डालने के लिए रचा गया षड्यंत्र है।’ विपक्षी दल ने सवाल किया कि CVC आयुक्त के. वी. चौधरी ने इस मुद्दे पर 23 अक्टूबर की रात आपात बैठक करने के लिए पहले से तय अपनी विदेश यात्रा क्यों रद्द की और वर्मा के खिलाफ ‘गैरकानूनी’ आदेश क्यों जारी किया।

कांग्रेस के आरोपों को फिलहाल CVC या प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अशोक गहलोत के साथ संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि देर रात कई नाटक हुए जहां ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CVC के साथ मिलकर संविधान के साथ धोखा किया और अब सबकुछ लोगों के सामने है।’ 

CBI निदेशक वर्मा और CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के दौर के बीच सरकार ने 24 अक्टूबर को तड़के दोनों की शक्तियां छीन लीं। दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई CVC की सिफारिश पर की गई। 

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘चौधरी को 23 अक्टूबर (गुरुवार) की शाम डेनमार्क की यात्रा पर जाना था। उन्होंने अचानक अपनी यात्रा रद्द कर दी और रात में CVC की बैठक बुलाई।’ उन्होंने दावा किया कि CVC के आदेश का अंदाजा लगाकर उसी रात करीब 11 बजे CBI के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के मुख्यालय भेजा गया। राव अब CBI के अंतरिम प्रमुख हैं।

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