दिल्ली में आज किसान रैली, रोजगार-कर्जमाफी के लिए किसानों का संसद कूच
किसानों का ये मार्च रामलीला मैदान से शुरू हो चुका है और ये संसद भवन तक जाएगा। महंगाई, रोजगार और कर्जमाफी की मांग पर वामपंथी संगठनों से जुड़े मजदूर और किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
नयी दिल्ली: दिल्ली में इस वक्त देश भर से आए लाखों किसान और मजदूर महामार्च निकाल रहे हैं। किसानों का ये मार्च रामलीला मैदान से शुरू हो चुका है और ये संसद भवन तक जाएगा। महंगाई, रोजगार और कर्जमाफी की मांग पर वामपंथी संगठनों से जुड़े मजदूर और किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को मजदूर किसान संघर्ष रैली का नाम दिया गया है। ऑल इंडिया किसान महासभा और वामपंथी संगठन सीटू के बैनर तले हो रहे प्रदर्शन में कई राज्यों से किसान और मजदूर शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि कई विपक्षी नेता भी प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं।
वहीं वामदलों के समर्थन वाले किसान संगठनों ने कहा कि रामलीला मैदान में आयोजित किसान रैली की तर्ज पर आने वाले दिनों में और भी ऐसी ही रैलियां होंगी। पांच सितंबर की रैली के आयोजकों ने बताया कि माकपा के बैनर तले आयोजित किसान रैलियों के माध्यम से देश में किसान और मजदूरों की बदहाली के मुद्दे लगातार उठाये जाते रहेंगे। इसकी शुरुआत रामलीला मैदान की रैली से होगी।
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वाम समर्थित मजदूर संगठन ‘सीटू’ के महासचिव तपन सेन ने मंगलवार को बताया कि वामदलों और तमाम किसान संगठनों के साझा मंच के रूप में गठित ‘मजदूर किसान संघर्ष मोर्चा’ रामलीला मैदान से भविष्य के आंदोलनों की रूपरेखा घोषित करेगा। सेन ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में किसान और मजदूर एकजुट होकर हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा कि यह अंतिम नहीं बल्कि पहली रैली होगी। इसमें सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन के दूसरे चरण की कार्ययोजना से अवगत कराया जायेगा। सेन ने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार सिर्फ धनी और कार्पोरेट घरानों के हितों को साधने वाली नीतियां बना रही है। इसका सीधा असर गरीब मजदूरों और किसानों पर हो रहा है। सेन ने बताया कि रैली में हिस्सा लेने के लिये देश भर से किसान और कामगारों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है। इसमें वामदलों और किसान मजदूर संगठनों के नेता हिस्सा लेंगे।
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