Hindi News भारत राजनीति CBI विवाद: SC के फैसले के बाद एक सुर में बोले कांग्रेस और केजरीवाल, PM मोदी पर साधा निशाना

CBI विवाद: SC के फैसले के बाद एक सुर में बोले कांग्रेस और केजरीवाल, PM मोदी पर साधा निशाना

कांग्रेस ने दावा किया है कि मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके ‘गैरकानूनी आदेशों’ को शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया है।

Randeep Singh Surjewala and Arvind Kejriwal | PTI File- India TV Hindi Randeep Singh Surjewala and Arvind Kejriwal | PTI File

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोक वर्मा को CBI निदेशक पद पर मंगलवार को बहाल किए जाने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने दावा किया है कि मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके ‘गैरकानूनी आदेशों’ को शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर देश के सभी संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।

मोदी को घेरते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि सरकारों आती-जाती रहती हैं, लेकिन हमारी संस्थाओं की गरिमा बरकरार रही है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘CBI को बर्बाद करते हुए बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने CVC की विश्वसनीयता को खत्म किया। अब वह पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके गैरकानूनी आदेशों को शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया है। मोदी जी कृपया याद रखिए कि सरकारें आती-जाती हैं। हमारे संस्थानों की गरिमा बरकरार रही है।’

वहीं, अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर देश के सभी संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्मा को पद पर बहाल करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश 'प्रधानमंत्री पर प्रत्यक्ष दोषारोपण है।' केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा निदेशक आलोक वर्मा को बहाल करना PM पर प्रत्यक्ष रूप से दोष लगाना है। मोदी सरकार ने हमारे देश के सभी संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। क्या राफेल घोटाले की जांच को रोकने के लिए CBI निदेशक को गैरकानूनी रूप से आधी रात को हटाया नहीं गया था जिस मामले में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री फंसते दिख रहे थे।’

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को CBI निदेशक पद पर मंगलवर को बहाल करते हुए उनके अधिकार वापस लेने और छुट्टी पर भेजने के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया। हालांकि शीर्ष अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की जांच पूरी होने तक वर्मा पर कोई भी बड़ा निर्णय लेने पर रोक लगा दी है।

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