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राज्यसभा उपसभापति चुनाव: गैर कांग्रेसी दलों ने उठाया सवाल, राहुल गांधी ने क्यों नहीं किया संपर्क

विपक्ष ने हालांकि चुनाव में एक मजबूत उम्मीदवार उतारा, लेकिन संसद के गलियारों में असंतोष के सुर जरूर सुनाई दिए।

harivansh singh- India TV Hindi Image Source : PTI Newly-elected Deputy Chairman of the Rajya Sabha Harivansh Narayan Singh (2nd L) being greeted by Vice President M Venkaiah Naidu as Parliamentary Affairs Minister Ananth Kumar (L), MoS for Parliamenatary Affairs Vijay Goel (2nd R) and Rajya Sabha Secretay General Desh Deepak Verma look on, outside his office at Parliament, in New Delhi

नई दिल्ली: विपक्ष के ज्यादातर दलों का मानना है कि यदि कांग्रेस ने राज्यसभा उपसभापति पद के चुनाव में अपने किसी सहयोगी दल से किसी को उम्मीदवार बनाया होता तो विपक्ष के उम्मीदवार को अधिक वोट मिल सकते थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राजग के उम्मीदवार की जीत भाजपा के खिलाफ उनकी एकता के प्रयासों के लिए झटका नहीं है।

विपक्ष ने हालांकि चुनाव में एक मजबूत उम्मीदवार उतारा, लेकिन संसद के गलियारों में असंतोष के सुर जरूर सुनाई दिए। कुछ नेताओं ने सवाल किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी जैसे दलों से संपर्क क्यों नहीं किया जो समर्थन दे सकती थी, जैसे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजग उम्मीवार के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते बीजद और टी आर एस के नेताओं से बात की। इसके अलावा कुछ नेताओं ने यह मत भी व्यक्त किया कि विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस सदस्य को ऐसे दलों से समर्थन मिल सकता था जो किसी खेमे के साथ नहीं दिखना चाहते थे।

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा और राजग के खिलाफ हम अब भी एकजुट हैं। आज का परिणाम सरकार की हताशा को दर्शाता है। राजग उम्मीदवार के लिए वोट मांगने की खातिर प्रधानमंत्री को फोन करना पड़ा। निश्चित तौर पर चुनाव हमारे लिए दुनिया का अंत नहीं है। ये विश्व कप के लिए महज तैयारी मैच हैं और यह खेला जाना चाहिए तथा वहां मतदाता भिन्न हैं।’’ वह उच्च सदन के उपसभापति पद के चुनाव में राजग उम्मीदवार हरिवंश की जीत और विपक्षी उम्मीदवार कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद की हार के बाद बोल रहे थे। हरिवंश को जहां 125 मत मिले, वहीं हरिप्रसाद को 105 वोट मिले।

विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘यदि कांग्रेस ने विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में किसी गैर कांग्रेसी सदस्य को उतारा होता या तेदेपा या किसी अन्य विपक्षी दल से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया होता तो हमें और अधिक वोट मिल सकते थे।’’ भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस से कोई संयुक्त उम्मीदवार उतारने को कहा था। हालांकि, आज परिणाम के बाद उनमें से कई ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस किसी गैर कांग्रेस सदस्य को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसके अलावा, विपक्षी नेता कांग्रेस की रणनीति से असंतुष्ट नजर आए। गैर कांग्रेसी दलों से कुछ नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक फोन कॉल से विपक्षी उम्मीदवार को आम आदमी पार्टी के सदस्यों का समर्थन मिल सकता था। आप नेता संजय सिंह ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने अरविन्द केजरीवाल को फोन कर राजग उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा, लेकिन केजरीवाल ने इनकार कर दिया। यदि नीतीश कुमार फोन कर सकते हैं तो राहुल गांधी क्यों नहीं।’’

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी मतदान से अनुपस्थिति रही। राज्यसभा में इसके तीन सदस्य हैं।

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