Hindi News भारत राष्ट्रीय Arun Jaitley at Vande Mataram: अब सरकार में आतंक के खिलाफ फैसले लेने की ताकत, हमने पुरानी नीति को बदल दिया

Arun Jaitley at Vande Mataram: अब सरकार में आतंक के खिलाफ फैसले लेने की ताकत, हमने पुरानी नीति को बदल दिया

भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में हवाई हमलों के रूप में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को भारत के जवाब ने आने वाले लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रचार के अहम मुद्दे के तौर पर स्थापित कर दिया।

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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद होने के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में हवाई हमलों के रूप में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को भारत के जवाब ने आने वाले लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रचार के अहम मुद्दे के तौर पर स्थापित कर दिया इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'वंदे मातरम' को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अहम मुद्दे पर कहा कि मान लिजिए यदि पुलवामा की घटना नही हुई होती और देश में चुनाव भी नहीं होता और हमें हमारी अलग-अगल एजेंसी के माध्यम से यह जानकारी मिलती कि पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी कैंप चल रहा है और वो भारत पर कुछ समय में हमला करेंगे तो क्या सरकार चुप कर जाती? यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता।

वित्त मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को चुनाव के साथ जोड़ कर ना देखें। आतंकवाद से देश की रक्षा करना सरकार का दायित्व है जिसे हमने और हमारी ऐयर फोर्स ने निभाया है। उन्होनें कहा कि सेना का इस्तेमाल चुनाव में वोट पाने के लिए करने के मैं खिलाफ हूं। वित्त मंत्री ने कहा कि आतंक पर चुप बैठने की यह नीति पुरानी सरकार की हुआ करती थी। हमने आतंक से निपटने की पुरानी नीति को बदल दिया है। आतंकवाद से निपटने के लिए आज अलग सरकार है और उसमें फैसले लेने की ताकत है।अरुण जेटली ने पाकिस्तान पर भारत में आतंकवाद फैलाने के मुद्दे पर कहा कि ​भारत एक जिम्मेदार देश है और पहले की नीति के अनुसार हम बोर्डर पार नही करते थे पर पाकिस्तान सीमा का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए करता रहा है। इस बार सरकार ने पहले की नीति बदली और सीमा पार कर आतंकियों पर कार्रवाई की है।  ​

भारतीय एयर फोर्स द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में कि गई कार्रवाई पर सवाल उठाने और राजनीति करने पर अरुण जेटली ने कहा कि जब देश में सभी एक आवाज बोल रहे थे तब विपक्ष के कुछ नेता पाकिस्तान के प्रचार और प्रोपगेंडा का तंत्र बन गए थे। मुझे लगता है ऐसे राष्ट्रीय संकट और चुनौती के समय में किसका आचरण क्या होना चाहिए यह राजनीतिक चर्चा का विक्षय है लेकिन एयर फोर्स ने जो किया उसकी सारे देश को सराहना करनी चाहिए। राजनीति और चुनाव से इसको बाहर रखना चाहिए। 

राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरने वाले ट्विट के संबंध में जेटली ने कहा कि इस प्रकार के ट्विट से आप में सोचने की कितनी क्षमता है इस बात का पता चल जाता है। जिस दिन डोकलाम हो रहा था उस दिन राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ डिनर कर रहे थे। जिस व्यक्ति को इस तरह के राजनीतिक विषयों पर जानकारी ना हो उन्हें ऐसे मुद्दों पर नही बोलना चाहिए। उन्होनें इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि जब चीन संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा तब दुनिया के अधिकतर देश उससे असंतुष्ट थे। 1955 में अमेरिका ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र संघ से चीन को हटाया जाए और भारत को इसका सदस्य बनाया जाए। जवाहर लाल नेहरु जी ने चीन से संबंध खराब होने का हवाला देकर अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। नेहरु के इस फैसले का डॉक्टर आंबेडकर​ जी ने भी विरोध किया था।

 

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