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Hindi News भारत राष्ट्रीय दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति आज पहुंचेंगे भारत, कई व्यापार समझौतों पर हो सकते है हस्ताक्षर

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति आज पहुंचेंगे भारत, कई व्यापार समझौतों पर हो सकते है हस्ताक्षर

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन आज अपने पहले भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। राष्ट्रपति के साथ कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य, अधिकारी और कई उद्योगपति भी साथ होंगे........

<p>दक्षिण कोरियाई...- India TV Hindi दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन (Photo,AP)

नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन आज अपने पहले भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। राष्ट्रपति के साथ कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य, अधिकारी और कई उद्योगपति भी साथ होंगे। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी किम जोंग-सुक भी भारत दौरे पर आएंगी। सोमवार को मून भारत-कोरिया बिजनेस फोरम की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ गांधी स्मृति जाएंगे। दोनों नेताओं का उसके बाद नोएड़ा के सैमसंग प्लांट में जाने का भी कार्यक्रम है। 

राष्ट्रपति मून जे इन का 10 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। हैदराबाद हाउस में लंच के बाद कोरियाई राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक होगी। दोनों नेता भारत-कोरिया के उद्योगपतियों के साथ भी बैठक करेंगे जिसके बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। 11 जुलाई को मून की भारत यात्रा समाप्त होगी। 

राष्ट्रपति मून जे इन सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के उपाध्यक्ष ली जे-योंग के अलावा अपने साथ करीब 100 उद्योगपतियों का काफिला ला रहे है। सैमसंग ने भारत के अपने नोएडा प्लांट में करीब 713 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिसमें स्मार्टफोन, रैफ्रिजरेटर आदि का प्रोडक्शन किया जाएगा।दक्षिण कोरिया भारत के साथ रक्षा सौदें करने का भी इच्छुक हैं जिसमें हनवा डिफेंस सिस्टम्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ली सुंग-सोओ मुख्य भूमिका निभाना चाहते है। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के कारण दक्षिण कोरिया चिंतित है।

कोरियाई अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ के अनुसार इस साल पहले 5 महीनों में चीन में दक्षिण कोरिया का निर्यात सबसे ज्यादा रहा जो करीब 25.6 फीसदी था, दूसरे नंबर पर अमेरिका में उसका निर्यात 11.4 फीसदी रहा। वर्ष 2017 में दक्षिण कोरिया ने रक्षा मिसाइल प्रणाली को स्थापित किया था जिसके बाद चीन का रुख कोरियाई व्यापार के विरुद्ध हो गया जिस कारण कोरियाई कंपनियों को चीन में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा रहा है। भारत विश्व में सबसे ज्यादा रक्षा उपकरणों को खरीदता है जिसे देखते हुए कोरियाई कंपनी भारत को एक बड़े व्यापार क्षेत्र के तौर पर देख रही है। 

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