Hindi News भारत राष्ट्रीय आत्मरक्षा में शोपियां में करनी पड़ी फायरिंग, गोली न चलाते तो जान गंवाते जवान: सेना

आत्मरक्षा में शोपियां में करनी पड़ी फायरिंग, गोली न चलाते तो जान गंवाते जवान: सेना

सेना ने कहा है कि भीड़ सैनिकों की गाड़ी जलाना चाहती थी और जवानों की हत्या करना चाहती थी। जो कुछ भी हुआ वो जान बचाने के लिए किया गया। सेना की टूटी हुई गाड़ियां और घायल पड़े जवान आर्मी के बयान की पुष्टि करते हैं।

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की फायरिंग मामले में आर्मी ने बयान जारी कर सफाई दी है। प्रशासन ने जवानों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की तो सेना ने भी अपना पक्ष रखा और कहा कि गोली नहीं चलाते तो भीड़ जवानों की जान ले लेती। शोपियां में सेना के जवानों की इस कार्रवाई में दो लोगों की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद जवानों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया और मजिस्ट्रेट लेवल की जांच शुरू हो गई है।

जवानों के ख़िलाफ़ हुए इस एक्शन पर आर्मी ने बयान जारी कर सफाई दी है। सेना ने कहा है कि भीड़ सैनिकों की गाड़ी जलाना चाहती थी और जवानों की हत्या करना चाहती थी। जो कुछ भी हुआ वो जान बचाने के लिए किया गया। सेना की टूटी हुई गाड़ियां और घायल पड़े जवान आर्मी के बयान की पुष्टि करते हैं। जवानों ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई थी। भीड़ की पत्थरबाजी से JCO बेहोश हो गया था। भीड़ अफसर को जान से मारना चाहती थी और उसका हथियार छीनना चाहती थी। जब भीड़ काफी करीब आई तो गोली चलानी पड़ी।

आर्मी के मुताबिक भीड़ के हमले में सात जवान घायल हैं और ग्यारह गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है इसलिए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने भी कहा कि जांच में आर्मी का पक्ष भी देखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने ये भी साफ किया है कि FIR आर्मी पर्सनल के खिलाफ दर्ज की गई है किसी जवान के खिलाफ नामजद केस दर्ज नहीं हुई है।

बता दें कि 27 जनवरी को शोपियां के गनपौरा चौक से आर्मी का काफिला गुजर रहा था। काफिले की कुछ गाड़ियां ग़लती से तय रूट से अलग हो गईं और करीब ढाई सौ लोगों की भीड़ ने काफिले पर हमला कर दिया। बचाव में जवानों ने गोली चलाई जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी।

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