Hindi News भारत राष्ट्रीय वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के बाद रविवार को बंद हुआ सबरीमला मंदिर; राजनीतिक घमासान जारी

वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के बाद रविवार को बंद हुआ सबरीमला मंदिर; राजनीतिक घमासान जारी

रजस्वला आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद, सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के कपाट को दो महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के समापन पर रविवार को बंद कर दिया गया।

Ayyappa temple at Sabarimala- India TV Hindi Ayyappa temple at Sabarimala

सबरीमला/तिरुवनंतपुरम: रजस्वला आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद, सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के कपाट को दो महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के समापन पर रविवार को बंद कर दिया गया। मंदिर के बंद होने के साथ ही, विपक्षी भाजपा ने तिरुवनंतपुरम में सचिवालय के सामने सबरीमला में प्रतिबंधात्मक आदेशों और रोक हटाने की मांग को लेकर 49 दिनों तक चली अपनी क्रमिक भूख हड़ताल समाप्त कर दी। उनकी इस मांग को एलडीएफ सरकार ने अस्वीकार कर दिया।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को संघ परिवार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सबरीमला मुद्दे पर उनकी हड़ताल ‘‘पूरी तरह विफल’’ साबित हुई। इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने दावा किया कि आंदोलन भक्तों की पारंपरिक आस्था की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था और इसे बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन हासिल हुआ है। रजस्वला आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ आंदोलन करने वाली दक्षिणपंथी ‘सबरीमला कर्म समिति’ आज शाम को राज्य की राजधानी में बड़े पैमाने पर भक्तों, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नेताओं के साथ एक बड़ा आयोजन करने जा रहा है।

सदियों पुराने मंदिर से जुड़े पंडालम शाही परिवार के प्रतिनिधि पी राघव वर्मा राजा द्वारा दर्शन किये जाने के बाद सुबह 6.15 बजे इस पहाड़ी मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया गया। पारंपरिक ‘भस्माभिषेकम’ के बाद मंदिर के कपाट को ‘हरिवर्षनम’ के मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही, सबरीमला में 67-दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा का समापन हुआ और भगवान अयप्पा मंदिर 13 फरवरी को मलयालम महीने, कुंभम में मासिक पूजा के लिए फिर से खोला जाएगा।

तीर्थयात्रा के मौसम में इस बार उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के फैसले के खिलाफ क्रोधित भक्तों और दक्षिणपंथी समूहों के विरोध प्रदर्शन हुए। उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस धर्मस्थल में प्रवेश करने की अनुमति दी। दक्षिणी केरल के कोल्लम में भाजपा की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के राज्य सरकार के निर्णय को ‘‘शर्मनाक कृत्य’’ कहा था। परंपरागत रूप से, रजस्वला आयुवर्ग या 10 से 50 वर्ष के आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।

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