Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma Blog: नोटबंदी का असर

Rajat Sharma Blog: नोटबंदी का असर

नोटबंदी की वजह से व्यापार में लेनदेन के लिए बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा कैश औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल हुआ जिसके चलते बैंकों की ताकत बढ़ी।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली की यह बात सही है कि मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को की गई 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के कारण टैक्स बेस बढ़ा है। अब पहले के मुकाबले दोगुने लोग टैक्स नेट में आ गए हैं। यह भी सही है कि इसके चलते जो कैश घरों में पड़ा था, उसकी एक बड़ी मात्रा बैंकों में पहुंच गई। 

नोटबंदी की वजह से व्यापार में लेनदेन के लिए बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा कैश औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल हुआ जिसके चलते बैंकों की ताकत बढ़ी। यह भी सही है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से अब ज्यादातर ट्रांजैक्शंस को ट्रैक करना आसान हो गया है। इन बातों को अर्थशास्त्री और फाइनैंशल एक्सपर्ट्स काफी अच्छी तरह समझते हैं।

राजनीति के लिहाज से और जनता की नजर से देखा जाए तो नोटबंदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबों का मसीहा बना दिया। गरीबों को लगा कि मोदी ने काले धन के कुबेरों को कंगाल कर दिया, बड़े-बड़े रईसों पर और काला धन रखने वालों पर सीधा प्रहार किया। लोगों ने जब बड़े-बड़े जमींदारों को, साहूकारों को और रईसों को नोटबंदी से परेशान होते देखा तो वे अपनी परेशानी भूल गए और उन्होंने मोदी के इस कदम का समर्थन किया।

इसका नतीजा यह हुआ कि नोटबंदी के बाद हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मोदी और उनकी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद हुए चुनावों में भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी को लेकर काफी शोर-शराबा मचाया, लेकिन उनका कैंपेन बेअसर साबित हुआ। (रजत शर्मा)

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