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Hindi News भारत राष्ट्रीय राजस्थान: जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर हड़पी बीमा राशि, डॉक्टर, वकील और पुलिसकर्मी समेत 6 गिरफ्तार

राजस्थान: जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर हड़पी बीमा राशि, डॉक्टर, वकील और पुलिसकर्मी समेत 6 गिरफ्तार

गिरोह ने फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर बजाज इंश्योरेंस कंपनी से 12 लाख रुपये, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना से 2 लाख और जीवन ज्योति बीमा योजना से 2 लाख रुपये का फर्जी बीमा दावा उठाकर आपस में बंटवारा कर लिया...

Representational Image | Pixabay- India TV Hindi Representational Image | Pixabay

जयपुर: राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने जिंदा लोगों की फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर बीमा राशि प्राप्त करने वाले एक अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर इसके सरगना समेत 6 लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि गिरोह के सरगना दिल्ली की FRM जांच कंपनी के रघुराज चौहान, राजस्थान के दौसा स्थित सरकारी अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक सतीश कुमार खंडेलवाल, दौसा सदर थाने के तत्कालीन ASI रमेश चंद, दौसा के वकील चतुर्भुज मीणा, हरियाणा के गुरुग्राम निवासी राजेश कुमार और दिल्ली के ओखला निवासी यशवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि गिरोह ने जितेन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत बताकर फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर बजाज इंश्योरेंस कंपनी से 12 लाख रुपये, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना से 2 लाख और जीवन ज्योति बीमा योजना से 2 लाख रुपये का फर्जी बीमा दावा उठाकर आपस में बंटवारा कर लिया। मिश्रा ने बताया कि गिरोह ने जिस व्यक्ति (जितेन्द्र) को मृत बताकर फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर यह राशि हासिल की थी, वह दिल्ली में पत्नी के साथ रह रहा है और दिल्ली में ऑटो चलाता है। उन्होंने बताया कि गिरोह के खिलाफ रामगढ़ थाना पुलिस भी इसी तरह के एक मामले में जांच कर रही है। इस मामले में अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कुछ और गिरफ्तारियां होने से इनकार नहीं किया।

मिश्रा ने बताया कि जितेन्द्र को मृत बताकर बीमा राशि उठाने का मामला गत वर्ष अक्टूबर महीने में दौसा सदर थाने में दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच SOG से कराए जाने पर इस गिरोह का पर्दापाश हुआ है। उन्होंने बताया कि गिरोह अधिकांश निजी बीमा कंपनियों के संपर्क में था। SOG द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

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