Hindi News भारत राष्ट्रीय जलियांवाला बाग कांड की 100वीं वर्षगांठ, राहुल गांधी, अमरिंदर सिंह ने दी श्रद्धांजलि, राष्ट्रपति और PM ने किया ट्वीट

जलियांवाला बाग कांड की 100वीं वर्षगांठ, राहुल गांधी, अमरिंदर सिंह ने दी श्रद्धांजलि, राष्ट्रपति और PM ने किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष होने के मौके पर जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

<p>Rahul gandhi and Amarinder Singh lays wreath at...- India TV Hindi Image Source : ANI Rahul gandhi and Amarinder Singh lays wreath at Jallianwala Bagh memorial on commemoration of 100 years of the massacre.

अमृतसर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष होने के मौके पर जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने जलियांवाला बाग के भीतर स्थित स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की और 13 अप्रैल 1919 को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतारे गए लोगों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा।

वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शहीदों को याद किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जलियांवाला बाग के शहीदों को याद किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि '100 वर्ष पहले आज ही के दिन, हमारे प्यारे स्वाधीनता सेनानी जलियांवाला बाग में शहीद हुए थे। वह भीषण नरसंहार सभ्यता पर कलंक है। बलिदान का वह दिन भारत कभी नहीं भूल सकता। उनकी पावन स्मृति में जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को हमारी श्रद्धांजलि।'' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को याद किया और कहा कि उनका बलियादान कभी भुलाया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि अमृतसर में 1919 में वैशाखी त्योहार के दिन जलियांवाला बाग में स्वतंत्रता की मांग के लिए आयोजित एक रैली में कर्नल डायर के निर्देश पर सैनिकों ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। इस घटना में सैकड़ों लोग मरे गए थे। 

बता दें कि राहुल गांधी शुक्रवार रात अमृतसर पहुंचे, इसके बाद वह अमरिंदर सिंह के साथ स्वर्ण मंदिर गए और वहां मत्था टेका। इतिहास में दर्ज इस दुखद घटना पर पंजाब सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री और राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर ने कैंडललाइट मार्च में भी हिस्सा लिया। सिंह ने भारत के इतिहास में इस घटना को बेहद दुखदायक क्षण बताया।

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