Hindi News भारत राष्ट्रीय अंबेडकर जयंती पर महू स्मारक जाने वाले पहले राष्ट्रपति बन सकते हैं रामनाथ कोविंद

अंबेडकर जयंती पर महू स्मारक जाने वाले पहले राष्ट्रपति बन सकते हैं रामनाथ कोविंद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर 14 अप्रैल 2016 को संविधान निर्माता के महू स्थित स्मारक पर पहुंचकर इतिहास रचा था। वह स्मारक पर पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये थे। 

<p>राष्ट्रपति रामनाथ...- India TV Hindi Image Source : PTI राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।

इंदौर: देश में डॉ अंबेडकर को लेकर हो रही रोज नई सियासत के बीच खबर है कि महामहीम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ। बी।आर अंबेडकर की 127वीं जयंती पर 14 अप्रैल को मध्यप्रदेश के महू में उनके स्मारक पर पहुंच कर संविधान निर्माता को श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं। यह स्मारक नजदीकी सैन्य छावनी क्षेत्र में अंबेडकर की जन्मस्थली पर दशक भर पहले लोकार्पित किया गया था। इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) संजय दुबे ने बातचीत में तस्दीक की कि अंबेडकर जयंती पर महू में राष्ट्रपति का दौरा संभावित है। इस दौरान वह अंबेडकर स्मारक पहुंच सकते हैं। 

उन्होंने हालांकि कहा कि राष्ट्रपति के संभावित दौरे के विस्तृत कार्यक्रम की प्रशासन फिलहाल प्रतीक्षा कर रहा है।  इस बीच, मध्यप्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि अगर कोविंद अपने संभावित दौरे के तहत 14 अप्रैल को महू पहुंचते हैं, तो वह संविधान ​निर्माता की जयंती पर उनके स्मारक पहुंचने वाले देश के पहले राष्ट्रपति होंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक प्रदेश सरकार अंबेडकर जयंती पर महू में "सामाजिक समरसता सम्मेलन" आयोजित करेगी जिसमें अंबेडकर के हजारों अनुयायियों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों का शामिल होना लगभग तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर 14 अप्रैल 2016 को संविधान निर्माता के महू स्थित स्मारक पर पहुंचकर इतिहास रचा था। वह स्मारक पर पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये थे।

अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू के काली पलटन इलाके में हुआ था। प्रदेश सरकार ने उनकी जन्मस्थली पर बनाये गये स्मारक को 14 अप्रैल 2008 को उनकी 117 वीं जयन्ती के मौके पर लोकार्पित किया था। अंबेडकर के अनुयायियों के लिये यह स्मारक किसी तीर्थ से कम नहीं है। खासकर अंबेडकर जयंती पर हर साल देश भर से हजारों लोग स्मारक पहुंचते हैं और "दलितों के मसीहा" के सामने श्रद्धा से शीश नवाते हैं। अंबेडकर जयंती पर महू में अलग-अलग दलों के सियासी नेताओं का भी बड़ा जमावड़ा रहता है। 

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