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Hindi News भारत राष्ट्रीय PHOTOS: 'पद्मावत' रोकने के लिए करणी सेना की खुलेआम गुंडागर्दी, अहमदाबाद में PVR के सामने कई गाड़ियां जलाई

PHOTOS: 'पद्मावत' रोकने के लिए करणी सेना की खुलेआम गुंडागर्दी, अहमदाबाद में PVR के सामने कई गाड़ियां जलाई

पद्मावत फिल्म के विरोध में PVR मल्टीप्लेक्स को भारी नुकसान पहुंचाया। जगह-जगह शीशे तोड़ दिए और...

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अहमदाबाद: पद्मावत फिल्म रिलीज़ होने में एक दिन बाकी है लेकिन हंगामा खत्म होने की बजाए बढ़ता जा रहा है। आज अहमदाबाद के थलतेज इलाके में करणी सेना ने जमकर हंगामा और आगजनी की। करणी सेना के सदस्यों ने एक मल्टीप्लेक्स को निशाना बनाया। सैकड़ों की तादाद में पहुंचे करणी सेना के लोगों ने तोड़फोड़ की। पद्मावत फिल्म के विरोध में PVR मल्टीप्लेक्स को भारी नुकसान पहुंचाया। जगह-जगह शीशे तोड़ दिए और मल्टीप्लेक्स के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी टारगेट किया। कई बाइक्स में आग लगा दी जबकि एक बस के शीशे चकनाचूर कर दिए।

अहमदाबाद के 2 बड़े मॉल में तोड़ फोड़ की गई। पहला थलतेज इलाके के एक्रोपोलिस मॉल है जहां के पीवीआर के बाहर तोड़फोड़ की गई। बाहर खड़ी गई गाड़ियों में उपद्रवियों ने आग लगा दी। इसके अलावा अहमदाबाद के वस्तरापुर इलाके में हिमालया मॉल में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। करणी सेना के लोगों ने बाहर खड़ी गाड़ियों को आग लगा दी और तोड़फोड़ की। इसके बाद वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई।

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आज सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावत 25 जनवरी को रिलीज होगी और राज्य सरकारों को फिल्म थिएटर्स और दर्शकों को पूरी सुरक्षा देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार की उस रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया जिसमें दोनों राज्यों ने पद्मावत फिल्म को रिलीज करने के आदेश पर फिर से विचार करने की अपील की थी।

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कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्म पास कर चुका है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म को रिलीज कराने और पूरी सुरक्षा देने का आदेश दिया तो फिर कन्फ्यूजन कहां है... राज्य सरकारों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अगर किसी को फिल्म नहीं पसंद तो वो इसे देखने न जाएं, लेकिन फिल्म पर बैन नहीं लगाया जा सकता।

karni sena

राजस्थान और मध्यप्रदेश ने रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि फिल्म रिलीज हुई तो लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन खराब हो सकती है, इसपर कोर्ट ने दोनों सरकारों को डांट लगायी। कोर्ट ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। राज्य सरकारें कुछ ग्रुप्स को हिंसा करने की छूट नहीं दे सकती उन्हें रोकना होगा।

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