A
Hindi News भारत राष्ट्रीय जेरूसलम पर अमेरिका के खिलाफ भारत के रुख से गौरवान्वित: महबूबा

जेरूसलम पर अमेरिका के खिलाफ भारत के रुख से गौरवान्वित: महबूबा

"यह जानकर बहुत गर्व हुआ कि भारत ने जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले को खारिज करने वाले प्रस्ताव पर 100 देशों के साथ वोट किया है। यह वोट फिलीस्तीन को लेकर हमारे पक्ष और समर्थन को दर्शाता है।"

mehbooba_mufti_hails_india's_vote_against_the_us_move_on_jerusalem- India TV Hindi Mehbooba Mufti hails India's vote against the US move on Jerusalem

जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में भारत के वोट देने पर फक्र है। महबूबा ने ट्वीट कर कहा, "यह जानकर बहुत गर्व हुआ कि भारत ने जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले को खारिज करने वाले प्रस्ताव पर 100 देशों के साथ वोट किया है। यह वोट फिलीस्तीन को लेकर हमारे पक्ष और समर्थन को दर्शाता है।" जम्मू एवं कश्मीर इजरायल-फिलीस्तीन विवाद को लेकर पहले से ही भावुक प्रतिक्रिया देता रहा है।

बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव के समर्थन में मतदान में 127 अन्य देशों का साथ दिया। यह प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के हाल के फैसले के विरुद्ध पेश किया गया था। नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में मत दिया जबकि 35 देश मतदान से दूर रहे। इस मसले पर अलग-थलग पड़े अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मतदान से पहले येरूशलम को इस्राइल की राजधानी की मान्यता खारिज करने वाले संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी थी जिसके एक दिन बाद ही भारत ने अमेरिका के विरुद्ध मत देने का फैसला किया।

ट्रंप ने कहा था, "ये हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान करते हैं।" उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं। इन्हें हमारे खिलाफ वोटिंग करने दो। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।" ट्रंप का यह बयान संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली के ट्वीट के बाद आया। निकी हेली ने ट्वीट कर कहा था, "अमेरिका उन देशों के नाम लेगा, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हमारे फैसले की आलोचना कर रहे हैं।"

भारत, रूस और चीन ने अमेरिका के कदम के खिलाफ मतदान किया। हाल ही में इन सभी देशों को नेतन्याहू के सहयोगी के रूप में बताया गया था। बहरहाल, कुछ देशों ने आम सहमति से अलग इस्राइल को चौंकाया। इन देशों में हंगरी, चेक गणराज्य, लातविया, रोमानिया, क्रोएशिया और पोलैंड हैं।

Latest India News