Hindi News भारत राष्ट्रीय करतारपुर कॉरिडोर: हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पाक SGPC से एक खालिस्तानी का नाम हटाकर दूसरे को किया शामिल

करतारपुर कॉरिडोर: हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पाक SGPC से एक खालिस्तानी का नाम हटाकर दूसरे को किया शामिल

पाकिस्तान अपनी पैंतरेबाज़ी से बाज़ नहीं आ रहा है। करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर बातचीत से पहले उसने भारत की मांग मानते हुए गोपाल सिंह चावला का नाम पाक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पाक SGPC) से तो हटा दिया। लेकिन, दूसरे खालिस्तान समर्थक को उसमें शामिल कर लिया।

<p>हरकतों से बाज नहीं आ...- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान अपनी पैंतरेबाज़ी से बाज़ नहीं आ रहा है। करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर बातचीत से पहले उसने भारत की मांग मानते हुए गोपाल सिंह चावला का नाम पाक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पाक SGPC) से तो हटा दिया। लेकिन, दूसरे खालिस्तान समर्थक को उसमें शामिल कर लिया। पाकिस्तान ने गोपाल चावला की जगह अमीर सिंह को शामिल किया है। अमीर सिंह जानेमाने खालिस्तानी नेता बिशेन सिंह का भाई है और खुद भी खालिस्तान समर्थक आंदोलन में सक्रिय है। 

बता दें कि आज वाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर बातचीत होनी है और इससे पहले ही पाकिस्तान ने भारतीय दबाव में 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से एक खालिस्तान समर्थक को हटा दिया, लेकिन यहां भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और उसने उसमें दूसरे खालिस्तान समर्थक को शामिल कर लिया।

करतारपुर कॉरिडोर की गतिविधियों में पीएसजीपीसी समन्वयक की भूमिका निभाने वाली है। लिहाजा, भारत ने इसमें खालिस्तान समर्थक तत्वों की उपस्थिति पर आपत्ति व्यक्त की थी। कॉरिडोर को लेकर वाघा में आज दोनों देशों के अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले पाकिस्तान ने शनिवार को पीएसजीपीसी से खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को हटाने की घोषणा करते हुए नई कमेटी की घोषणा की।

चावला पीएसजीपीसी का महासचिव था। इस मामले में भी पाकिस्तान ने अपनी पुरानी हरकतें दोहराते हुए चावला की जगह कमेटी में दूसरे खालिस्तान समर्थक अमीर सिंह को शामिल कर लिया। अमीर सिंह जाने-माने खालिस्तानी नेता बिशेन सिंह का भाई है। अमीर सिंह खुद भी पाकिस्तान में खालिस्तानी आंदोलन का अग्रिम पंक्ति का नेता है।

मालूम हो कि करतारपुर पर दोनों देशों के अधिकारियों बीच रविवार को होने वाली बातचीत पहले दो अप्रैल को होनी थी। बैठक में इस बात पर चर्चा होनी है कि कौन-कौन से श्रद्धालु करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे, कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की आवाजाही कैसे होगी, कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होंगे और क्या यह वीजा मुक्त होगा। साथ ही श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित व निर्बाध आवाजाही के लिए सुविधाओं पर भी विचार किया जाएगा।

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