Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल: विजयन सरकार की नई शराब नीति के खिलाफ चर्च, अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात

केरल: विजयन सरकार की नई शराब नीति के खिलाफ चर्च, अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात

केरल में इस समय देश की एकलौती कम्युनिस्ट सरकार चल रही है।

केरल की पिनाराई विजयन।- India TV Hindi केरल की पिनाराई विजयन।

कोझिकोड: केरल की पिनाराई विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए केरल चर्च ने शनिवार को राज्य की शराब नीति पर हमला बोला और चेतावनी देते हुए कहा कि यह आगामी चेंगन्नुर उपचुनाव में सत्तारूढ़ वाम उम्मीदवार के खिलाफ कार्य करेगा।  शक्तिशाली सीरो मालाबार कैथोलिक चर्च के वरिष्ठ पादरी का यह बयान शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद आया है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने जिन इलाकों में आबादी 10 हजार से ऊपर है वहां सभी स्थानीय इकाईयों को नई दुकानें खोलने के लिए लाइसेंस जारी करने की मंजूरी दी थी। सीरो चर्च केरल कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस की मुख्य सदस्य है, जिसे सबसे शक्तिशाली शराब विरोधी मोर्चा के रूप में जाना जाता है।

थामारास्सेरी डियोसीस के पादरी मार रीमिगियोस इंचनानियिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह विजयन सरकार से नई शराब नीति पर मतसंग्रह कराने के लिए कहेंगे।   उन्होंने कहा, "वे अपनी शराब नीति पर विस्तृत घोषणा पत्र के साथ आए थे और उन्होंने अपनी शराब नीति के प्रचार के लिए फिल्मी सितारों का प्रयोग किया था। साथ ही उन्होंने इस तरह से प्रचार किया था कि उनकी नीति मद्य-त्याग में से एक होगी।" गुस्साए इंचनानियिल ने कहा, "अब देखते जाइए क्या होता है। वह सभी बार जो बंद हो गए दोबारा से खुलेंगे। वे (वाम दल) किसे धोखा दे रहे हैं? चेंगन्नुर उपचुनाव में हम सबसे आगे रहेंगे। उन्होंने मतदाताओं से वाम सरकार की षड्यंत्रकारी रणनीति के खिलाफ वोट देने को कहा।"

सत्ता में आने के बाद विजयन सरकार ने धार्मिक व शिक्षा स्थलों और शराब की दुकानों के बीच की दूरी 200 मीटर से घटाकर 50 मीटर कर दी थी।  इंचनानियिल ने कहा, "दुख की बात यह है कि नई शराब नीति से अमीर प्रभावित नहीं होगा लेकिन गरीब जिसे शराब के दुष्परिणामों की जानकारी नहीं है , वह शराब की सहज उपलब्धता का पीड़ित होगा। शराब नीति ओखी तूफान से भी ज्यादा खतरनाक आपदा होने जा रही है। चेंगन्नुर में हम इसके खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे।" हालांकि माकपा नेता और समिति के सदस्य अनथल्यावट्टम आनंदन ने कहा कि उनकी सरकार ने कुछ नहीं किया। शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशानुसार हर राज्य की सरकार उसके प्रति बाध्य है।

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