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Hindi News भारत राष्ट्रीय करतारपुर गलियारा: शिलापट्ट पर लिखे अकाली नेताओं के नाम पर विवाद, कांग्रेस के मंत्री ने किया ये

करतारपुर गलियारा: शिलापट्ट पर लिखे अकाली नेताओं के नाम पर विवाद, कांग्रेस के मंत्री ने किया ये

पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा करतारपुर गलियारे के शिलान्यास पत्थर पर अकाली नेताओं के नाम लिखे होने से नाराज हो गए।

<p>पंजाब के जेल मंत्री...- India TV Hindi Image Source : ANI पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा करतारपुर गलियारे के शिलान्यास पत्थर पर अकाली नेताओं के नाम लिखे होने से नाराज हो गए।

गुरदासपुर: करतारपुर गलियारे के शिलान्यास पत्थर पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल का नाम लिखे जाने पर पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आपत्ति जताई। रंधावा यहां डेरा बाबा नानक में समारोह के प्रबंध की समीक्षा के लिए आए थे। उसी समय उन्होंने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल का नाम शिलापट्ट पर देखा। 

इससे नाराज रंधावा ने तब संबंधित अधिकारियों से इस बारे में पूछताछ की। रंधावा ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (संबंधित अधिकारियों से) सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के दर्जे के बारे में पूछा? अगर वे उनके नाम लिखना चाहते थे तब उसमें राजिंदर कौर भट्टल (कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री) और अन्य का भी नाम होना चाहिए था।’’ 

उन्होंने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल पर आरोप लगाया कि जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने ‘गलियारे को खोलने’ के लिए कभी भी डेरा बाबा नानक का दौरा नहीं किया। ये भाजपा या अकालियों का कार्यक्रम नहीं है।’’ स्थानीय विधायक ने कहा, ‘‘ये कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। ये सरकारी कार्यक्रम है और मैंने उनसे कहा कि उनके (बादलों के) नाम इसमें नहीं होने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिलापट्ट पर बादलों (प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर) के साथ मेरा नाम नहीं होना चाहिए।’’ इसके बाद उन्होंने अपने नाम, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राज्य के मंत्री विजय इंदर सिंगला और गुरदासपुर के सांसद सुनील जाखड़ के नाम पर काला टेप लगा दिया।

रंधावा ने कहा, ‘‘ये श्रेय लेने की लड़ाई नहीं है। उसपर किसी का नाम नहीं होना चाहिए। इसकी जगह ‘गुरु का मार्ग’ लिखा जाना चाहिए, जिसे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने समर्पित किया। पंजाब के मंत्री के विरोध के बाद उस विशेष शिलापट्ट को हटा दिया गया। बता दें कि करतारपुर साहिब गलियारे से सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक जाने में सुविधा होगी।

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