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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी: एनएसए अजित डोभाल

जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी: एनएसए अजित डोभाल

देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान किया है।

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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान होना संभवत: एक ‘‘त्रुटि’’ थी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता। डोभाल ने कश्मीर पर यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

अनुच्छेद 35-ए के तहत जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को खास तरह के अधिकार और कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं। देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान किया है। डोभाल ने इस मौके पर पटेल को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

उन्होंने कहा कि संप्रभुता को ‘‘न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए तो संभवत: वे भारत को एक मजबूत संप्रभु देश के रूप में छोड़कर नहीं जाना चाहते थे।’’ डोभाल ने कहा कि इस संदर्भ में पटेल ने अंग्रेजों की योजना शायद समझ ली कि वे कैसे देश में टूट के बीज बोना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटेल का योगदान सिर्फ राज्यों के विलय तक नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक है।

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