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Hindi News भारत राष्ट्रीय गूगल डूडल ने बिग बैंग सिद्धांत के पुरोधा लेमैत्रे को श्रद्धांजलि दी

गूगल डूडल ने बिग बैंग सिद्धांत के पुरोधा लेमैत्रे को श्रद्धांजलि दी

ब्रह्मांड को लेकर जागरूकता व समझ बढ़ाने में योगदान के लिए लेमैत्रे को 1934 में प्रतिष्ठित फ्रांकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उन्हें नामांकित करने वालों वैज्ञानिकों में आइंस्टीन भी शामिल थे।

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नई दिल्ली: गूगल ने मंगलवार को बेल्जियम के ब्रह्मांड विज्ञानी जॉर्जेस लेमैत्रे की जयंती पर उन्हें एनिमेटेड डूडल समर्पित किया। उन्होंने 1927 में बिग बैंग सिद्धांत का प्रस्ताव दिया था कि ब्रह्मांड एक बिंदु के रूप में शुरू हुआ और इसका विस्तार उतना बड़ा हो गया, जितना आज यह है।

लेमैत्रे की थीसिस अल्बर्ट आइंस्टीन की सामान्य सापेक्षता सिद्धांत से प्राप्त गणनाओं पर आधारित थी, लेकिन आइंस्टीन शुरू में लेमैत्रे के काम से प्रभावित नहीं थे।

आइंस्टीन ने लेमैत्रे के सिद्धांत के प्रति अपना रुख बदलने से दो साल पहले कहा था,"आपकी गणना सही है, लेकिन आपकी भौतिकी भयावह है।"

ब्रह्मांड को लेकर जागरूकता व समझ बढ़ाने में योगदान के लिए लेमैत्रे को 1934 में प्रतिष्ठित फ्रांकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उन्हें नामांकित करने वालों वैज्ञानिकों में आइंस्टीन भी शामिल थे।

गूगल ने मंगलवार को लेमैत्रे की 124वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया। डूडल में लेमैत्रे की तस्वीर दिखाई गई है और उनके पीछे पृष्ठभूमि में आकाशगंगाओं से घिरे ब्रह्माण्ड के निरंतर विस्तार को दिखाया गया है।

लेमैत्रे का जन्म 17 जुलाई 1894 को चार्लेरोइ में हुआ था। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम सेना की सेवा की। 1923 में वह कैथोलिक पादरी बन गए। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में भौतिकी का अध्ययन किया।

लेमेत्रे का 1927 का पेपर सिद्धांत कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है जल्द ही एडविन हबल के अवलोकनों द्वारा प्रमाणित किया गया था, जो 1929 में प्रकाशित हुए थे। लेमैत्रे का 20 जून 1966 को निधन हो गया।

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