Hindi News भारत राष्ट्रीय इमरान खान के नेतृत्व में भारत-पाक संबंध बेहतर होने की उम्मीद: फारूक अब्दुल्ला

इमरान खान के नेतृत्व में भारत-पाक संबंध बेहतर होने की उम्मीद: फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान में इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में संबंध बेहतर होने की उम्मीद है।

Farooq Abdullah- India TV Hindi Image Source : PTI Farooq Abdullah

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में संबंध बेहतर होने की उम्मीद है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलने की उम्मीद जाहिर की। वाजपेयी पड़ोसी देश के साथ संबंध बेहतर करना चाहते थे। 

श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘इमरान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद, हमें पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध बेहतर होने की उम्मीद है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे मसले तभी हल हो पाएंगे, जब दोनों के बीच मित्रतापूर्ण माहौल होगा।’’ अपने पिता एवं पार्टी संयोजक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 36वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। 

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘वाजपेयी जैसे आरएसएस और जन संघ नेता जब पाकिस्तान जा सकते हैं और कहते हैं कि भारत, पाकिस्तान को एक देश के तौर पर स्वीकारता है और उसके साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं तो मैं उम्मीद करती करता हूं कि देश के प्रधानमंत्री (मोदी) इस बारे में सोचेंगे और इस दिशा कदम उठाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अच्छे मित्र की तरह रहने पर ही क्षेत्र में विकास हो सकता है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने (वाजपेयी) कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं और अगर हम पड़ोसियों के साथ दोस्तों की तरह रह पाएं तभी हम दोनों प्रगति करेंगे।’’ नेकां नेता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों में ‘‘निहित स्वार्थ’’ वाले लोग हैं, जो दोनों देशों के बीच शांति नहीं चाहते। 

उन्होंने कहा कि मैंने एक लेख में पढ़ा था कि पाकिस्तान के लिए भारत के उच्चायुक्त ने कहा कि पड़ोसी देश भारत के साथ दोस्ताना संबंध चाहता है। अब्दुल्ला ने पूछा, ‘‘अगर उच्चायुक्त यह कह रहे हैं तो क्या समस्या है। भारत इस दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रहा। वे इस देश को बचाना चाहते हैं या नहीं? या फिर हम केवल मुस्लिम और हिंदुओं के बीच नफरत ही चाहते हैं?’’ 

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