A
Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों का आंदोलन खत्म: दबाव में महाराष्ट्र सरकार ने मांगें मानी, 6 महीने में मिलेगा हक

किसानों का आंदोलन खत्म: दबाव में महाराष्ट्र सरकार ने मांगें मानी, 6 महीने में मिलेगा हक

मांगों को लेकर हजारों किसान आज मुंबई पहुंचे थे। नासिक से मुंबई तक लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर आए किसानों के लिए यह बड़ी जीत है...

farmers protest- India TV Hindi farmers protest

मुंबई: विपक्ष और सहयोगी शिवसेना के दबाव में भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार ने आज आंदोलनरत किसानों की मांगें मान लीं जिसमें वन भूमि पर उनका अधिकार शामिल है। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को लिखित में आश्वासन दिया है कि अगले 6 महीने के अंदर उनकी अधिकतर मांगे पूरी कर दी जाएंगी। मांगों को लेकर हजारों किसान आज मुंबई पहुंचे थे। नासिक से मुंबई तक लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर आए किसानों के लिए यह बड़ी जीत है। किसानों ने 7 मार्च को शुरू किया अपना आंदोलन वापस ले लिया है। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी ‘‘सभी मांगों’’ को स्वीकार किया जा रहा है। वह माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी की मौजूदगी में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में धरना दे रहे किसानों को संबोधित कर रहे थे।

विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ‘‘कृषि उपयोग में लाई जाने वाली वन भूमि आदिवासियों और किसानों को सौंपने के लिए हम समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं। विधान भवन में आज किसानों और आदिवासियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। हम कृषि भूमि आदिवासियों को सौंपने के लिए समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं बशर्ते वे 2005 से पहले जमीन पर कृषि करने के सबूत मुहैया कराएं। हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं।’’

maharashtra farmers

इससे पहले आज फडणवीस ने कहा था कि उनकी सरकार किसानों के मुद्दे के प्रति ‘‘संवेदनशील और सकारात्मक’’ है। किसानों के लंबे मार्च पर विधानसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हिस्सा लेने वाले करीब 90 से 95 फीसदी लोग गरीब आदिवासी हैं। वे वन भूमि पर अधिकार के लिए लड़ रहे हैं। वे भूमिहीन हैं और खेती नहीं कर सकते। सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है।’’

महाराष्ट्र के कई हिस्से में सूखे की स्थिति है और गांवों में कर्ज के चलते लोग आत्महत्याएं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों की मांगों पर चर्चा करने के लिए एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है। हम उनकी मांगों को समयबद्ध तरीके से हल करने का निर्णय करेंगे।’’ माकपा से जुड़ा संगठन अखिल भारतीय किसान सभा प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है। किसानों ने बिना शर्त ऋण माफ करने और वन भूमि उन आदिवासी किसानों को सौंपने की मांग की हैजो वर्षों से इस पर खेती कर रहे हैं।

farmers

माकपा नेता अशोक धावले ने कहा कि किसान स्वामीनाथन समिति की अनुशंसा को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं जिसने कृषि लागत मूल्यों से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की अनुशंसा की है। किसान नासिक, ठाणे और पालघर जिले में नदियों को जोड़ने की योजना में बदलाव की भी मांग की है ताकि आदिवासियों की जमीन नहीं डूबे और इस योजना से जल इन इलाकों और अन्य सूखाग्रस्त जिलों को मुहैया कराई जा सके।

वे हाई स्पीड रेलवे और सुपर हाईवे सहित परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने का भी विरोध कर रहे थे। किसानों का समर्थन कांग्रेस, राकांपा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना भी कर रही थी जो राज्य और केंद्र में भाजपा नीत सरकार में शामिल है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कल किसानों से मुलाकात की थी। 

Latest India News