Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर के पास पहुंची, दिवाली के बाद बद्तर हो सकते हैं हालात

दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर के पास पहुंची, दिवाली के बाद बद्तर हो सकते हैं हालात

हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण देखने को मिलता है। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने और दीवाली पर पटाखे फोड़ने से पूरी दिल्ली धुंध की एक चादर में डूब जाती है।

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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को बेहद खराब होकर ‘गंभीर’ स्तर के पास पहुंच गयी। विशेषज्ञों के अनुसार अगले महीने उत्तर पश्चिम की ओर से हवाओं के आने की आशंका है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार शाम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 361 पर दर्ज किया जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है, और ‘गंभीर’ से अधिक दूर नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम श्रेणी का, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है। केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली ने भी एक्यूआई ‘बेहद खराब’ श्रेणी का दर्ज किया।

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में भी वायु गुणवत्ता का स्तर गुरुवार को बहुत खराब श्रेणी का दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया था लेकिन बुधवार को यह फिर से गिरकर बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।

वहीं सीपीसीबी ने गुरुवार को चेतावनी दी कि है कि 1 नवंबर और 15 नवंबर के बीच की अवधि सबसे कठिन अवधि होगी। फसल सबसे ज्यादा इसी दौरान जलाया जाएगा और फिर दिवाली और सर्दियां आएंगी। हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण देखने को मिलता है। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने और दीवाली पर पटाखे फोड़ने से पूरी दिल्ली धुंध की एक चादर में डूब जाती है।

पराली जलाने से किसानों को मना किया गया है, लेकिन फिर भी हर साल इसका धुआं दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्य पहुंचता है। पिछले साल पराली और दीवाली के कारण पूरी दिल्ली कई दिनों तक धुंध के खतरनाक साए में थी। इस साल पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन न लगाते हुए कहा कि इन्हें कुछ शर्तों के साथ ही जलाया जाएगा।

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