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Hindi News भारत राष्ट्रीय गैंगस्टर के कत्ल का उत्तराखंड कनेक्शन, मुन्ना बजरंगी की हत्या के 3 राज़

गैंगस्टर के कत्ल का उत्तराखंड कनेक्शन, मुन्ना बजरंगी की हत्या के 3 राज़

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि वारदात के बारे में उन्होंने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रमुख सचिव से बात की है। इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया जेलर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिये गये हैं। साथ ही, न्यायिक जांच के निर्देश भी दिये गये हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बागपत जेल में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद दूसरे गैंगस्टर सुनील राठी पर केस दर्ज कर लिया गया है लेकिन जांच सिर्फ इसी एंगल से नहीं हो रही है। पूर्वांचल के गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी का कत्ल बागपत की जेल के अंदर हुआ लेकिन इस कत्ल की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी। रविवार सुबह 6.30 बजे बागपत की जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी को जिस तरह से एक-एक कर 10 गोलियों से छलनी किया गया उससे इस जेल के प्रशासन और इसके अफसर सवालों के घेरे में आ गए।

सवाल उठे तो सूबे के जेल मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक एक्शन में दिखे। फौरन मामले की मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए लेकिन सवाल ये कि आखिर जेल में पिस्टल पहुंची तो पहुंचे कैसे? बजरंगी को बागपत जेल लाने के अगले ही हत्या कैसे हो गई? क्या बजरंगी को साजिशन बागपत जेल पहुंचाया गया था? क्या इस हत्या में जेल के अफसर और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं?

फिलहाल मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप गैंगस्टर सुनील राठी पर लगा है। पुलिस ने सुनील राठी पर हत्या का केस भी दर्ज कर लिया है लेकिन सूत्रों की मानें तो यूपी पुलिस इस हत्या की जांच तीन एंगल से कर रही है।

जांच का पहला एंगल
मुन्ना बजरंगी की हत्या जिस सुनील राठी पर लगा है। उसका भाई पूर्वांचल की जेल में बंद है। पिछले दिनों उसके साथ कुछ कैदियों ने जेल में दबदबे को लेकर मारपीट की थी। सुनील राठी को शक था कि उसके भाई के साथ मारपीट करने वाले गुर्गे मुन्ना बजरंगी के थे। पुलिस को शक है कि हो सकता है कि इसका बदला लेने के लिए सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी को जेल में निपटा दिया।

जांच का दूसरा एंगल
जानकारी के मुतबाबिक सुनील राठी का उत्तराखंड में बड़ा वर्चव था। वहां की जेल में रहते हुए सुनील राठी कारोबारियों से अवैध वसूली कर रहा था। वहीं मुन्ना बजरंगी की नजर भी उत्तराखंड पर थी। सूत्र बताते हैं कि इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच एक बार बातचीत भी हुई थी जिसमें मुन्ना बजरंगी ने सुनील राठी पर खुद की सुपारी लेने का आरोप तक लगाया था। पुलिस को लगता है कि कहीं यही बात आगे तो नहीं बढ़ गई और आखिरकार रविवार को सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी का कत्ल कर दिया।

जांच का तीसरा एंगल
मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल का कुख्यात डॉन था। उस पर 40 से ज्यादा कत्ल के आरोप हैं। वो कई गैंगस्टर्स और गुंडे से नेता बने लोगों के टारगेट पर भी था। हाल ही में मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने भी अपने पति की हत्या का शक जताया था। डॉन बृजेश सिंह और धनंजय सिंह से जान का खतरा बताया था। मुन्ना बजरंगी की पत्नी जिस तरह से हत्या का अंदेशा जता रही थी उससे लगता है जैसे बागपत की जेल के अंदर हुआ ये कत्ल एक साजिश का नतीजा है। अब यूपी पुलिस इसी साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है।

बजरंगी पर हत्या, लूट, अपहरण समेत कई जघन्य अपराधों के करीब 40 मामले दर्ज थे। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि वारदात के बारे में उन्होंने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रमुख सचिव से बात की है। इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया जेलर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिये गये हैं। साथ ही, न्यायिक जांच के निर्देश भी दिये गये हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि बजरंगी अनेक आपराधिक मामलों में संलिप्त था, लेकिन जेल के अंदर इस तरह की घटना बेहद गम्भीर है। हम इसकी तह में जाएंगे, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों मुन्ना बजंरगी की पत्नी ने अपने पति की हत्या होने की आशंका जताते हुए उसकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। बजरंगी ने वर्ष 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर मड़ियाहूं सीट से चुनाव लड़ा था।

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