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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड: शिक्षिका के निलंबन पर कांग्रेस का प्रदर्शन, कहा-सत्ता का इतना गुरूर ठीक नहीं

उत्तराखंड: शिक्षिका के निलंबन पर कांग्रेस का प्रदर्शन, कहा-सत्ता का इतना गुरूर ठीक नहीं

उत्तरा के साथ किया गया 'दुर्व्यवहार' और निलम्बन पूरे राज्य की उस नारीशक्ति का अपमान है जिसने राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

<p><span style="color: #333333; font-family: sans-serif,...- India TV Hindi  कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार तत्काल उत्तरा का निलंबन वापस ले, मुख्यमंत्री इसके लिए क्षमा मांगें।

देहरादून: शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत प्रकरण के विरोध में शुक्रवार को  उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश भर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पुतले फूंके तथा उनसे महिला से अपने व्यवहार के लिए माफी मांगने, उनका निलंबन समाप्त करने तथा अपनी शिक्षिका पत्नी का स्थानांतरण भी दुर्गम क्षेत्र में करने की मांग की। गत 28 जून को मुख्यमंत्री के 'जनता मिलन' कार्यक्रम में शिक्षिका की बात से नाराज होकर उनका निलंबन और उन्हें हिरासत में लेने के मुख्यमंत्री रावत के आदेश के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने यहां राज्य मुख्यालय सहित सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। 

यहां सिंह की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए राज्य पार्टी मुख्यालय से एस्लेहॉल चौक पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत एवं राज्य सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के परिजनों एवं रिश्तेदारों के लिए अलग और राज्य की आम जनता के लिए अलग नियम हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण से 25 वर्षों से उत्तरकाशी जिले के दुर्गम इलाकों में प्राथमिक शिक्षा में योगदान देने वाली विधवा उत्तरा को जिला काडर का हवाला देते हुए देहरादून स्थानान्तरण में न केवल असमर्थता जतायी जा रही है बल्कि उसे निलंबित करने और हिरासत में लेने के आदेश दिये गये। 

सिंह ने कहा कि इसके विपरीत स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी की मूल नियुक्ति वर्ष 1992 में पौड़ी जिले में होने के बावजूद उन्होंने वहां केवल चार साल सेवायें दीं और उसके पश्चात देहरादून स्थानांतरित कर दी गयीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी पिछले 22 वर्षों से देहरादून के एक ही विद्यालय में सेवा दे रही हैं और ऐसे ही राज्य के अनेक मंत्रियों, सत्ताधारी दल के नेताओं एवं प्रभावशाली लोगों के परिजन सरकार की कृपा से सुगम स्थानों में बने हुए हैं। 

सिंह ने कहा कि उत्तरा के साथ किया गया 'दुर्व्यवहार' और निलम्बन पूरे राज्य की उस नारीशक्ति का अपमान है जिसने राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'किसी भी राजनेता को सत्ता का इतना गुरूर नहीं होना चाहिए कि वह मातृशक्ति का अपमान करे ।' पार्टी उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार तत्काल उत्तरा का निलंबन वापस ले, मुख्यमंत्री इसके लिए क्षमा मांगें और नियम कानून के तहत मुख्यमंत्री की पत्नी का स्थानांतरण दुर्गम क्षेत्र में किया जाये। धस्माना ने कहा कि अगर ये मांगे नहीं मानी गयीं तो पार्टी राज्य सरकार के विरूद्ध अपना आन्दोलन जारी रखेगी और सरकार के इस दोहरे मापदण्ड और मुख्यमंत्री के कृत्य के खिलाफ कल यहां गांधी पार्क में धरना देगी। 

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