Hindi News भारत राष्ट्रीय कब रुकेगा चमकी बुखार का कहर? मरने वाले बच्चों की संख्या 136 पहुंची, प्रशासन नाकाम

कब रुकेगा चमकी बुखार का कहर? मरने वाले बच्चों की संख्या 136 पहुंची, प्रशासन नाकाम

बिहार के 16 जिलों में मस्तिष्क ज्वर से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 136- India TV Hindi Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 136

मुजफ्फरपुर: बिहार के 16 जिलों में मस्तिष्क ज्वर (चमकी) से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एक जून से राज्य में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज हुए और इसके कारण मरने वालों की संख्या 136 पहुंच गई। मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 126 की मौत हुई है। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आये है।

मुजफ्फरपुर जिले में अबतक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में कल तक 95 और निजी केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हो गयी थी। मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और गत 16 जून को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में एक बच्चे तथा गत 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी। 

इस बीच गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित कमी के कारण एक अस्पताल में बड़ी संख्या में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत के बाद पिछले साल निलंबित कर दिया गया था, अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद "सभी के लिए स्वास्थ्य" अभियान का संचालन करने वाले डॉ कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी दिमागी बुखार के लक्षणों के प्रबंधन के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया है। चमकी बुखार का एक कारण हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाना) भी है।

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