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Hindi News भारत राष्ट्रीय भीमा कोरेगांव मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ताओं का हाउस अरेस्ट 12 सितंबर तक बढ़ाया

भीमा कोरेगांव मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ताओं का हाउस अरेस्ट 12 सितंबर तक बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी अब 12 सितंबर तक बढ़ा दी है।

Bhima Koregaon case: Supreme Court extended the house arrest of five arrested activists- India TV Hindi Bhima Koregaon case: Supreme Court extended the house arrest of five arrested activists | PTI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी अब 12 सितंबर तक बढ़ा दी है। वहीं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के कथित नक्सल लिंक के इस मामले में कोर्ट ने पुणे पुलिस को फटकार भी लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पुलिस ने कैसे कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए।​ मामले की अगली सुनवाई अब 12 सितंबर यानी कि बुधवार को की जाएगी।

आपको बता दें कि इससे पहले इन्हें 6 सितंबर तक नजरबंद रखने का आदेश दिया गया था। महाराष्ट्र पुलिस ने इन सभी को पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में भड़की हिंसा के मामले में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र का ‘सेफ्टी वॉल्व’ है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को हिरासत में न भेजते हुए उनके घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने भीमा-कोरेगांव घटना के करीब 9 महीने बाद इन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर महाराष्ट्र पुलिस से सवाल भी किए थे। 

पीठ ने कहा था, ‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वॉल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह फट जाएगा।’ शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन गिरफ्तारियों के खिलाफ इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किए थे। याचिकाकर्ताओं में प्रभात पटनायक और देविका जैन भी शामिल हैं।

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