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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू एवं कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए जाएंगे 14,500 सुरक्षा बंकर

जम्मू एवं कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए जाएंगे 14,500 सुरक्षा बंकर

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने जम्मू और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले प्रत्येक कश्मीरी प्रवासी परिवार के लिए मासिक वित्तीय सहायता 10 हजार से बढ़ाकर 13 हजार रुपये करने का फैसला किया है।

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जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी व गोलीबारी की स्थिति में जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों के शरण लेने के लिए करीब 14,500 सुरक्षा बंकरों का निर्माण किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को राज्य के दो दिवसीय दौरे के समापन से पहले यह ऐलान किया। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में विशेष सशस्त्र पुलिस की सात और इंडिया रिजर्व बटालियनों का गठन करेगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से गोलीबारी के दौरान मारे गए लोगों के लिए मुआवजा राशि को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक करने की घोषणा की। राशि सीधे मृतक के परिजनों के खाते में जमा की जाएगी। इससे पहले से चली आ रही फिक्सड डिपाजिट अकाउंट की शर्त खत्म हो जाएगी।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने सीमा पर गोलीबारी के दौरान मारे गए प्रत्येक जानवर के लिए मुआवजा राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने का भी फैसला किया है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर चिंतित है क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्रों को निशाना बनाकर गोलीबारी जारी रखी है।

राजनाथ सिंह ने कहा, "लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमा के नजदीकी क्षेत्रों में प्रत्येक में 8-10 लोगों की क्षमता वाले 13,029 बंकरों और प्रत्येक में 40-50 लोगों की क्षमता वाले 1,431 सामुदायिक बंकरों का निर्माण किया जाएगा।" उन्होंने कहा इसके लिए 450 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सीमावर्ती इलाकों में पांच बुलेट प्रूफ एम्बुलेंस भी स्थायी रूप से तैनात की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती निवासियों के लिए 60 प्रतिशत आरक्षण के साथ पांच आईआर बटालियन बनाई जाएंगी। जम्मू और घाटी के लिए एक-एक महिला बटालियन को तैनात किया जाएगा। यह राज्य में सुरक्षा को बढ़ाने के अलावा लगभग सात हजार युवा पुरुषों और महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी देगा। मंत्री ने कहा कि इन बटालियनों में से दो को मोर्चे वाली चौकियों से 0-10 किलोमीटर के बीच आने वाले गांवों की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।

मंत्री ने 1947 से राज्य में रह रहे पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थियों के प्रति परिवार के लिए 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की भी घोषणा की। इस निर्णय से लगभग 5,764 परिवारों को फायदा होगा, जिनके पास जम्मू-कश्मीर में नागरिकता और मतदान अधिकार नहीं है। यह शरणार्थी राज्य सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकते और विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं कर सकते। हालांकि, यह संसदीय चुनावों में मतदान करने के पात्र हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने जम्मू और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले प्रत्येक कश्मीरी प्रवासी परिवार के लिए मासिक वित्तीय सहायता 10 हजार से बढ़ाकर 13 हजार रुपये करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "मेरे दिल्ली पहुंचने के बाद जम्मू-कश्मीर में बसने वाले पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों और (कश्मीरी) प्रवासियों को वित्तीय सहायता के संबंध में एक आदेश जारी किया जाएगा।"

इससे पहले, राजनाथ सिंह ने जम्मू में आरएस पुरा और नौशेरा सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया था। राजनाथ, राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गए और लोगों से मुलाकात की। इससे पहले इसी जिले में आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था।

मुस्लिमों के उपवास के महीने में लागू संघर्षविराम के आगे भी विस्तार की अटकलों के बीच राजनाथ सिंह ने कहा कि इस बारे में कोई भी निर्णय राज्य के सुरक्षा परिदृश्य को देखने के बाद ही किया जाएगा। राजनाथ शाम को दिल्ली लौट गए।

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