Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड सुशांत सिंह राजपूत-सारा अली खान की 'केदारनाथ' विवादों में, धार्मिक आस्था से छेड़छाड़ का आरोप

सुशांत सिंह राजपूत-सारा अली खान की 'केदारनाथ' विवादों में, धार्मिक आस्था से छेड़छाड़ का आरोप

सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान की आने वाली फिल्म 'केदारनाथ' विवादों में घिर गई है।

Sushant Singh Rajput and Sara Ali Khan in Kedarnath- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/SARAALIKHAN95 Sushant Singh Rajput and Sara Ali Khan in Kedarnath

सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान की आने वाली फिल्म 'केदारनाथ' विवादों में घिर गई है। फिल्म में सुशांत-सारा के बीच फिल्माए गए किसिंग सीन पर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों और राजनीतिक दलों ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने इस सीन्स को धार्मिक आस्था से छेड़छाड़ बताते हुए आपत्तिजनक करार दिया है। विरोध कर रहे लोगों ने फिल्म की कहानी पर आपत्ति जतायी है और उनका मानना है कि यह फिल्म लव जेहाद का समर्थन कर रही है ।

फिल्म 2013 में केदारनाथ में आई भयंकर बाढ़ की कहानी पर आधारित है। फिल्म में सारा हिंदू बनी हैं और सुशांत मुसलमान लड़के। कुछ दिन पहले रिलीज हुई टीजर में सारा-सुशांत के बीच किसिंग सीन दिखाया गया है।

7 दिसंबर को रिलीज हो रही यह फिल्म बाढ़ में फंसी एक हिंदू श्रद्धालु को एक मुस्लिम द्वारा बचाये जाने के बाद दोनों के बीच पनपे प्यार की कहानी है।

उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, हालांकि, इस फिल्म को लेकर फिलहाल खुलकर कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन उसका भी मानना है कि सैद्धांतिक तौर पर धार्मिक स्थलों से जुडी परंपराओं और आस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इससे किसी की भावनायें आहत न हों।

फिल्म के टीजर और प्रोमो जारी होने के बाद से केदारनाथ के सतेराखाल और आस-पास के अन्य क्षेत्रों में स्थानीय लोगों ने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिए और उन्होंने फिल्म के पोस्टर, एक्टर, एक्ट्रेस, डायरेक्टर के पुतले जलाए।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फिल्म के टीजर में दिखाए जाने वाले दृश्य देवभूमि और केदारनाथ की आस्था के साथ खिलवाड़ है और फिल्म देवभूमि और केदारनाथ की रीति और नीति के बिल्कुल उलट है।

विरोध में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता गंभीर बिष्ट ने कहा कि ऐसा मालूम होता है कि फिल्म बनाने वालों ने हिंदू धर्म की आस्था पर चोट की है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अगर ऐसे दृश्य नहीं हटाये गये तो प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा।

इस बाबत उत्तराखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि सैद्धांतिक दृष्टि से धार्मिक स्थलों से जुडी आस्थाओं और परंपराओं का ध्यान रखा जाना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोगों की भावनायें आहत न हों। उन्होंने कहा कि वैसे भी धार्मिक स्थलों के फिल्मांकन के मामले में फिल्मी मसालों का कोई औचित्य नहीं है।

फिल्म को अभिषेक कपूर ने डायरेक्ट किया है।

(PTI इनपुट के साथ)

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