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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड ‘पद्मावत’ पर देशभर में हंगामा, विवाद ने लिया हिंसा का रूप

‘पद्मावत’ पर देशभर में हंगामा, विवाद ने लिया हिंसा का रूप

‘पद्मावत’ पर जारी संग्राम आखिर कब थमेग? ‘पद्मावत’ पर जारी विरोध का अंजाम आखिर क्या होगा? ये वो सवाल हैं जिनका जवाब ‘पद्मावत’ पर जारी विरोध के जौहर के बीच फिलहाल दे पाना बेहद मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट और सेंसर बोर्ड से फिल्म को हरी झंडी मिल चुकी है...

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नई दिल्ली: बॉलीवुड फिल्मकार संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी ऐतिहासिक फिल्म पद्मावत पर जारी संग्राम आखिर कब थमेग? ‘पद्मावत’ पर जारी विरोध का अंजाम आखिर क्या होगा? ये वो सवाल हैं जिनका जवाब ‘पद्मावत’ पर जारी विरोध के जौहर के बीच फिलहाल दे पाना बेहद मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट और सेंसर बोर्ड से फिल्म को हरी झंडी मिल चुकी है लेकिन ऐसा लगता है विरोध की आवाज बुलंद कर रहे लोगों को ना कानून का डर है और ना संविधान को मानते हैं। हिंदुस्तान की सबसे ऊंची अदालत ने कहा है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म और दर्शकों के बीच अब कोई दीवार खड़ी नहीं कर सकता लेकिन इसके बाद भी झूठी शान के नाम पर झंडे लहराने वाले सड़कों पर खुले आम अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट रहे हैं

कुरुक्षेत्र के सिनेमा हॉल में तोड़फोड़

सूरत से लेकर कुरुक्षेत्र तक लोकतात्रिंक व्यवस्थाओं को छिन भिन्न किया जा रहा है। ऐसा लगता है सरकार एक निजी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर चुकी है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र के केसल मॉल में कदम रखते ही हथियारों से लैस गुंडों ने पूरे मॉल को हाईजैक कर लिया और घंटों तक उत्पात मचाते रहे। बता दें कि सिल्वर स्क्रीन पर ये फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी। कुरुक्षेत्र के मॉल के थिएटर में भी ये फिल्म रिलीज होने वाली है, लेकिन उससे पहले ही करणी सेना के लठैत यहां पहुंच गए और सामने जो मिला उसे तोड़कर आगे निकल गए इलाके के लोग बताते हैं करणी सेना के सूरमा आए थे लाठी और बंदूक के साथ दर्जनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर। मॉल के सामने गाड़ी रोकी, अंदर पहुंचे और मॉल के अंदर तोड़फोड़ करने लगे।

करणी सेना के इन कथित कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से हंगामा शुरू किया मॉल में मौजूद लोग जान बचाकर भागने लग गए और अफरातफरी मच गई। किसी के हाथ में लोहे की रॉड, किसी के हाथ में हॉकी स्टीक, किसी के हाथ में डंडे। जब तक चाहा इन गुंडों ने, तोड़फोड़ करते रहे और जब यहां से निकल गए तब पुलिस पहुंची

सूरत में सड़कों पर बवाल

स्त्रियों के सम्मान में छाती कूट रहे राजपूती इतिहास के ध्वाजाधारियों को सूरत में पुलिस दौड़ा दौड़ा कर पीट रही थी, क्योंकि सरकार इन हुड़दंगियों के सामने हार चुकी है। इनके आतंक के सामने सब थर्र-थर्र कांप रहे हैं, नतीजा ये हो रहा है कि कहीं से भी रास्ता रोक दिया जाता है, कहीं भी आग लगा दी जाती है। आग लगाकर ये बताना चाह रहे थे कि इस देश का संविधान कुछ नहीं है। इस देश का कानून कुछ नहीं है। जो है, हम हैं, हिम्मत है तो रिलिज करके दिखा दीजिए ‘पद्मावत’ एक दो नहीं सूरत के कई रास्तों को एक साथ बंद कर दिया गया था। पूरा शहर जाम हो गया था। कई घंटों तक तो पुलिस मूर्ति की तरह ताकती रही, लेकिन हालात बेकाबू हुए तो उसे लाठी का सहारा लेना पड़ा सोचिए, संजय लीला भंसाली के पास सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट है, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, लेकिन इसके बाद भी करणी सेना ने पूरी व्यवस्था को अंगूठे के बल खड़ा कर दिया है।

नोएडा में एक्सप्रेस-वे पर हंगामा

राजपूताना रौब के मुच्छड़ अहंकारी नोएडा में रास्ता रोक कर ये भ्रम में थे कि देश की व्यवस्था को इस बवाल से वो बदल देंगे। हालांकि इनसे इतिहास के बारे में पूछा जाए तो शायद ही किसी को कोई खास जानकारी होगी। ना मलिक मुहम्मद जायसी का पता है, ना चित्तौड़गढ़ के इतिहास के बारे में, ना मतलब है अमिर खुसरो से और ना ही वास्ता है राजा रतन सिंह के पतन से। मतलब है तो सड़क जाम कर देने से, लोगों को परेशान करने से, टायरों में आग लगा देने से और पेड़ों को सड़क पर बिछा देने से

इस टोली ने व्यवस्था को तबाह कर दिया है, जब दिल किया सड़कों को जाम करना शुरु कर दिया है। यहां से प्रदर्शनकारी निकले तो पहुंच गए नोएडा के वेनिस मॉल। बता दें कि फिल्म के लिए बुकिंग पहले से ही शुरु हो चुकी थी और इस बात का पता जब करणी सेना को चला तो वह फिर से बवाल मचाने के लिए पहुंच गए और बाहर पुलिस खड़ी हो गई। कई घंटों तक हंगामा चलता रहा। हुड़दंगी अंदर दाखिल होना चाहते थे, लेकिन पुलिस रास्ता रोककर खड़ी थी, कुल मिलाकर कई घंटों तक ये नाटक चलता रहा। रास्ता बंद रहा और आने जाने वाले लोग बेचारे बनकर इस तमाशे को देखते रहे।

दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली सड़कों पर भी हंगामा हुआ। डीएनएडी में टोल की व्यवस्था फिलहाल बंद है लेकिन बंद पड़े बूथ को भी प्रदर्शनकारियों ने नहीं छोड़ा। यहां दर्जनों प्रदर्शनकारी मौजूद थे, कोई दरवाजा तोड़ रहा थ, तो कोई खिड़की। लेकिन इन सबको रोकने के लिए पुलिस कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। गाड़ियां आती रहीं और और खौफ और दहशत के बीच लोग गुजरते रहे।

25 को पर्दे पर 'पद्मावत', 25 को भारत बंद का ऐलान

करणी सेना का आतंक भारतीय लोकतंत्र का अपमान बनता जा रहा है। कोई कह रहा है भंसाली की गर्दन काट देंगे, कोई कह रहा है दीपिका पादुकोण की नाक काट देंगे। अब आप ही सोचिए और बताइए, ऐसी धमकियों के बाद तालिबानियों और करणी सेना के गुंडों में क्या फर्क रह जाता है।

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