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'पद्मावती' को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिलने पर गुस्साए मेवाड़ राजवंश के लोग

मेवाड़ राजवंश ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को पत्र लिखकर बिना उनकी सहमति संजय लीला भंसाली की विवादस्पद फिल्म 'पद्मावती' को प्रमाणित किए जाने की निंदा की है।

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नई दिल्ली: सेंसर बोर्ड ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को पास जरूर कर दिया है, मगर फिल्म को लेकर विवाद अभी तक थमे नहीं हैं। मेवाड़ राजवंश ने अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड(सीबीएफसी) यानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को पत्र लिखकर बिना उनकी सहमति संजय लीला भंसाली की विवादस्पद फिल्म 'पद्मावती' को प्रमाणित किए जाने की निंदा की है। मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा और लोकसभा के पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे महाराजकुमार विश्वराज सिंह ने यह पत्र लिखा है।

विश्वराज सिंह ने कहा है कि उन्हें जोशी ने फिल्म प्रमाणित करने की प्रकिया में सीबीएफसी की मदद के लिए 28 दिसंबर को जांच समिति की बैठक में बुलाया था, जहां उन्हें कुछ स्पष्टीकरण चाहिए थे। इस संबंध में प्रसून जोशी की उपस्थिति में एक जांच समिति की बैठक गुरुवार को हुई थी। इस विशेष समिति में उदयपुर से अरविंद सिंह, और जयपुर विश्वविद्यालय के डॉ. चन्द्रमणि सिंह और प्रोफेसर के.के.सिंह शामिल थे।

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सूचना संबंधित कुछ समस्या की वजह से, विश्वराज सिंह बैठक में शामिल नहीं हो सके और शनिवार को इस निर्णय की जानकारी मिली। उन्होंने कहा, "यह बहुत स्पष्ट है कि फिल्म मेरे परिवार पर है। कॉस्मेटिक बदलावों जैसे नाम में बदलाव से तथ्य में बदलाव नहीं आएगा, क्योंकि फिल्म में वास्तविक स्थानों, मेरे पूर्वजों और इतिहास में दर्ज उनके नाम वैसे ही हैं।"

उल्लेखनीय है कि सीबीएफसी ने संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म 'पद्मावती' को कुछ बदलावों के साथ यू/ए प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है और फिल्म-निर्माता से कहा है कि फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' कर दिया जाए।

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सीबीएफसी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, फिल्म में कुछ डिस्क्लेमर देने के लिए कहा गया है, जिसमें एक डिस्क्लेमर सती प्रथा को महिमामंडित न करने के संदर्भ में है। इसके साथ ही फिल्म के गाने 'घूमर' में प्रासंगिक बदलाव कर उसे किरदार के अनुरूप बनाने के लिए भी कहा गया है।

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