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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड किन दो घटनाओं ने कर दी जॉन अब्राहम की दिशा निर्धारित, इस वजह से चुनी ‘परमाणु’ की कहानी

किन दो घटनाओं ने कर दी जॉन अब्राहम की दिशा निर्धारित, इस वजह से चुनी ‘परमाणु’ की कहानी

जॉन अब्राहम के अभिनय से सजी फिल्म 'परमाणु-द स्टोरी ऑफ पोखरण' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फैंस लंबे समय से इसकी रिलीज का इंतजार कर रहे थे, लेकिन काफी वक्त तक सुर्खियों में रहने के बाद आखिरकार जॉन के चाहनेवालों का इंतजार खत्म हो गया। जॉन का कहना है कि उनका मकसद व्यावसायिक मनोरंजक और बिना फॉर्मूला वाला सिनेमा बनाना है।

john Abraham- India TV Hindi john Abraham

नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता जॉन अब्राहम के अभिनय से सजी फिल्म 'परमाणु-द स्टोरी ऑफ पोखरण' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फैंस लंबे समय से इसकी रिलीज का इंतजार कर रहे थे, लेकिन काफी वक्त तक सुर्खियों में रहने के बाद आखिरकार जॉन के चाहनेवालों का इंतजार खत्म हो गया। जॉन का कहना है कि उनका मकसद व्यावसायिक मनोरंजक और बिना फॉर्मूला वाला सिनेमा बनाना है। बता दें कि वह शुक्राणु दान पर बनी फिल्म 'विकी डोनर', श्रीलंका के गृहयुद्ध पर आधारित 'मद्रास कैफे' के निर्माता रहे हैं। वह अब भारत के 1998 के परमाणु परीक्षण पर 'परमाणु-द स्टोरी ऑफ पोखरण' के साथ आ रहे हैं। यह फिल्म राजस्थान के पोखरण में 1998 में किए गए परमाणु परीक्षण की कहानी है।

जॉन के इस कहानी को चुनने के पीछे एक कारण है। जॉन अब्राहम ने एक साक्षात्कार में कहा, "मैं राजीव गांधी की हत्या, और परमाणु परीक्षणों से बहुत प्रभावित था। इन दो घटनाओं ने मेरे जीवन की दिशा निर्धारित की है, जो इसके बाद लगाए गए प्रतिबंध से जुड़े हैं। मैं किसी कॉलेज में जाने की योजना बना रहा था, लेकिन मैं इसकी वजह से नहीं जा सका। इसे लेकर पहले गुस्सा आया था, तो समझ में आया कि यह परमाणु शक्ति हासिल करने का दर्जा भारत को महान बना सकता है। मैंने एक भारतीय की तरह सोचना शुरू कर दिया और राष्ट्रवादी की तरह महसूस करना शुरू कर दिया।"

इस कहानी को आज दर्शकों से कहने की जरूरत क्यों महसूस हुई? जॉन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि आज के युवाओं को पता नहीं है कि 20 साल पहले मई 1998 में क्या हुआ था।" उन्होंने कहा कि जब मैं स्वतंत्रता के बाद भारत के इतिहास में सर्वाधिक निर्णायक चीज के बारे में सोचता हूं, तो उन्हें लगता है कि जब भारत ने अमेरिकी उपग्रहों को धोखा देकर हर किसी को मूर्ख बनाकर उनके नाक के नीचे परमाणु परीक्षण किया तो यह बड़ी बात थी। उन्होंने कहा, "यह दुनिया में परमाणु जासूसी का सबसे बड़ा मामला है, और यह भारत की माटी पर हुआ। मैंने सोचा कि इस कहानी को कहा जाना चाहिए। मैंने खुद से पूछा, 'क्या इस फिल्म को पर्दे पर उतारना बहुत मुश्किल है?' और फिर मैं मुस्कुराया क्योंकि मैं इसे करने जा रहा था। क्योंकि इसे पर्दे पर उतारना मुस्किल है और यह एक फॉर्मूला फिल्म नहीं थी।"

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