Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड Batti Gul Meter Chalu box office collection Day 2: दूसरे दिन फिल्म की कमाई में आया उछाल, जानें अब तक का कलेक्शन

Batti Gul Meter Chalu box office collection Day 2: दूसरे दिन फिल्म की कमाई में आया उछाल, जानें अब तक का कलेक्शन

शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' की कमाई में शनिवार को थोड़ा उछाल आया। हालांकि अच्छे विषय और स्टारकास्ट की तुलना में यह उछाल कुछ दमदार नहीं है।

Shahid Kapoor- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM Shahid Kapoor

नई दिल्ली: शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' की कमाई में शनिवार को थोड़ा उछाल आया। हालांकि अच्छे विषय और स्टारकास्ट की तुलना में यह उछाल कुछ दमदार नहीं है। फिल्म ने पहले दिन 6.76 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया था। फिल्म ने दूसरे दिन 7.96 करोड़ रूपये का बिजनेस किया है। इस तरह फिल्म ने दो दिनों में 14.72 करोड़ रूपये की कमाई की है।

फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- ''बत्ती गुल मीटर चालू की कमाई में दूसरे दिन 17315% की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि पहले दिन की कमाई अच्छी नहीं थी इसलिए दोनों दिनों का कुल कलेक्शन खास नहीं है। तीसरे दिन ज्यादा कमाई की जरूरत है। शुक्रवार-
6.76 करोड़ रूपये, शनिवार- 7.96 करोड़ रूपये। कुल- 14.72 करोड़ रूपये। भारत।''

फिल्म का बजट लगभग 40 करोड़ रूपये का बताया जा रहा है। अच्छे विषय पर बनने के कारण इस फिल्म की ज्यादा कमाई की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

शाहिद की इस साल की शुरुआत में 'पद्मावत' रिलीज हुई थी, जिसने पहले दिन 25 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया था। इस तरह देखा जाए तो 'बत्ती गुल मीटर चालू' का पहले दिन का कलेक्शन निराश कर देने वाला है।

फिल्म का रिव्यू:

श्री नारायण सिंह ने ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ के बाद मुद्दों पर आधारित एक और फिल्म बनाई है। बिजली बिल जैसे गंभीर मुद्दे पर आधारित फिल्म ‘बत्ती गुल, मीटर चालू’ में शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर जैसे सितारे हैं। फिल्म कैसी है आइए जानते हैं...

कहानी: यह कहानी उत्तराखंड के टिहरी जिले में रहने वाले तीन दोस्तों की हैं। सुशील कुमार पंत (शाहिद कपूर), ललिता नौटियाल (श्रद्धा कपूर) और सुंदर मोहन त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) एक ही गांव में रहते हैं। सुशील कुमार ने वकालत की है, वहीं ललिता डिजाइनर है। सुंदर प्रिंटिंग प्रेस का काम शुरू करता है। उत्तराखंड में जहां ये लोग रहते हैं वहां बिजली की बहुत दिक्कत है, ज्यादातर बिजली कटी रहती है और सुंदर ज्यादातर जनरेटर से प्रिंटिंग प्रेस का काम करता है। उसके बाद भी बिजली का बिल काफी ज्यादा आता है। एक बार तो फिल्म 54 लाख तक का आ गया। उसके बाद बहुत कुछ होता है, अंत में ललिता के कहने पर सुशील सुंदर का केस लड़ता है, कोर्टरूम में उसका सामने गुलनार यानी यामी गौतम से होता है। उसके बाद क्या होता है ये आप फिल्म में ही देखिएगा।

फिल्म का मुद्दा अच्छा है, उत्तराखंड की खूबसूरत लोकेशन्स भी देखने को मिली है। कोर्टरूम ड्रामा अच्छा लगता है, श्रद्धा, शाहिद और दिव्येंदु भी साथ अच्छे लगे हैं, लेकिन फिल्म कई जगह भटक जाती है।

शाहिद के किरदार में बहुत कमियां थीं। श्रद्धा भी सिर्फ ठीक लगी हैं। दिव्येंदु और यामी ज्यादा अपने रोल में अच्छे लगे हैं। इनके अलावा फिल्म बहुत लंबी है। श्रीनारायण सिंह कई फिल्मों की एडिटिंग कर चुके हैं उसके बावजूद वो इश फिल्म में चुस्त एडिटिंग नहीं रख पाए हैं। फिल्म में बेवजह के कई सीक्वेंस हैं, जो फिल्म को लंबा कर रहे हैं। इसके अलावा फिल्म में हद से ज्यादा बार ‘ठहरा’ और ‘बल’ बोला गया है। इस वजह से बहुत अच्छी बन सकने वाली फिल्म एक औसत फिल्म बनकर रह गई है।

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