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राजस्थान: अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण में दिखा ‘एकजुट’ विपक्ष, माया-अखिलेश ने बनाई दूरी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकजुटता की झलक नजर आई।

Many opposition leaders attend swearing-in of Ashok Gehlot- India TV Hindi Many opposition leaders attend swearing-in of Ashok Gehlot | Twitter

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकजुटता की झलक नजर आई। हालांकि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की इस समारोह से दूरी ने इस एकजुटता में दरार के भी संकेत दिए। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जयपुर में विपक्षी एकजुटता की धुरी बनते नजर आए। वहीं, दूसरे विपक्षी दलों के आला नेताओं की शिरकत ने भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यापक गठबन्धन से जुड़ी कांग्रेस की उम्मीदों को पर लगाने का काम किया।

कई बड़े विपक्षी नेता आए नजर
शपथ ग्रहण में राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, DMK नेता एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं JDS नेता एचडी कुमारस्वामी, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे।

अशोक गहलोत, कल्याण सिंह और सचिन पायलट | Twitter

कर्नाटक के बाद दिखा ऐसा माहौल
गत मई महीने में कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद यह दूसरा मौका था जब विपक्षी दलों के नेता इस तरह एक मंच पर नजर आए। विपक्षी एकजुटता का यह नजारा उस वक्त दिख रहा है जब तीन राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी राजनीतिक हैसियत की लिहाज से पहले की तुलना में खुद को बहुत बेहतर स्थिति में महसूस कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इन तीनों राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी एकजुटता के साथ राहुल गांधी के कद में इजाफा साफ तौर पर दिख रहा है। वैसे, इसकी बानगी शनिवार को तमिलनाडु में देखने को मिली जब द्रमुक नेता स्टालिन ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पैरवी की।