Hindi News इलेक्‍शन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 चंबल में सजा चुनावी रण, BJP के ‘गब्बर’ और कांग्रेस के ‘कमलेश’ से भिडेंगी नेहा किन्नर

चंबल में सजा चुनावी रण, BJP के ‘गब्बर’ और कांग्रेस के ‘कमलेश’ से भिडेंगी नेहा किन्नर

चंबल के अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में नेहा किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरी हैं।

<p><span style="color: #626262; background-color:...- India TV Hindi Image Source : IANS चंबल के अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में नेहा किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरी हैं।

भोपाल: चंबल इलाके की पहचान बागियों (डकैतों) की भूमि के तौर पर रही है। यही कारण है कि, यहां बोली और गोली दोनों चलती हैं. मगर, बोली और गोली वाले इस इलाके में विधानसभा चुनाव के दौरान तालियों की गूंज हावी हो चली है। मुरैना जिले के अम्बाह विधानसभा क्षेत्र से नेहा किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरी हैं और उनके समर्थन में तालियों का शोर हर तरफ सुनाई दे रहा है।

अम्बाह विधानसभा क्षेत्र आरक्षित वर्ग के लिए है। यहां से भाजपा ने गब्बर संखबार, कांग्रेस ने कमलेश जाटव और सपा ने सत्यप्रकाश संखबार को मैदान में उतारा है, जिनसे नेहा किन्नर की टक्कर होगी। यहां के लोगों की मांग पर नेहा किन्नर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। 

एक मान्यता रही है कि किन्नर की दुआ और बद्दुआ दोनों ही बड़ा असर करती हैं। नेहा किन्नर को इस मान्यता के चलते लोगों का भरपूर स्नेह और साथ मिल रहा है। ये बात अलग है कि नेहा हर किसी को दुआ ही दे रही हैं, बद्दुआ किसी को नहीं दे रहीं। इसके बाद भी हर वर्ग नेहा के प्रति न केवल आकर्षित हो रहा है, बल्कि राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के प्रति रोष भी जाहिर कर रहा है।

नेहा का नाता बेड़िया समाज से है। यहां इस वर्ग के मतदाताओं की ज्यादा संख्या हैं। नेहा ने वादा किया है कि "समाज में बंटवारे की राजनीति नहीं चलने दी जाएगी और सामाजिक समरसता का माहौल बनाया जाएगा। जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता होगी।"

स्थानीय पत्रकार और समाज सेवी ब्रजेश शर्मा का कहना है कि "चंबल इलाके में नेहा किन्नर हर किसी के आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। राजनेताओं और राजनीतिक दलों के प्रति लोगों में नाराजगी है। ये नाराजगी चुनाव में इस क्षेत्र में साफ देखी जा सकती है, अगर यहां से अप्रत्याशित नतीजे आ जाएं तो अचरज नहीं होना चाहिए।"

नेहा को भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा आदि दलों के भितरघातियों का साथ मिल रहा है, जिससे ये मुकाबला रोचक हो गया है। दूसरे दलों के उम्मीदवारों के पास नेहा किन्नर की बातों और अंदाज का कोई जवाब नहीं है। तमाम उम्मीदवार भी नेहा पर सीधे हमला करने से बच रहे हैं।