Hindi News इलेक्‍शन लोकसभा चुनाव 2019 शाह महमूद कुरैशी ने चुनौतीपूर्ण समय में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन की सराहना की

शाह महमूद कुरैशी ने चुनौतीपूर्ण समय में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन की सराहना की

चुनौतीपूर्ण वक्त में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन की प्रशंसा करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि उनका देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईपी) को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Shah Mahmood Qureshi hails China's support to Pak in challenging times- India TV Hindi Image Source : PTI Shah Mahmood Qureshi hails China's support to Pak in challenging times

बीजिंग: चुनौतीपूर्ण वक्त में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन की प्रशंसा करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि उनका देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईपी) को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुरैशी ने चीन के इस रूख की भी सराहना की कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानक नहीं होने चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खतरे से निपटने के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए चीन का आभार जताया। 

कुरैशी ने यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की पहली रणनीतिक वार्ता के दौरान की। इस बैठक में उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने हिस्सा लिया। अपनी शुरुआती टिप्पणी में, कुरैशी ने कहा कि चीन चुनौतीपूर्ण समय में पाकिस्तान के लिए मददगार रहा है। वह पाकिस्तान को कई अरब डॉलर की चीन की सहायता का संदर्भ दे रहे थे जो आईएमएफ के सहायता पैकेज पर पाकिस्तान की निर्भरता कम करेगा। 

कुरैशी ने कहा, ‘‘ चीन सरकार पाकिस्तान का समर्थन करने में बहुत उदार है। हमने अच्छी चर्चा की... हम सीपीईसी को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ सीपीईसी बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजिआंग प्रांत से जोड़ेगा। यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘बेल्ट एंड रोड इंनीशिएटिव’ (बीआरआई) का हिस्सा है। 

कुरैशी ने कहा, ‘‘ इस बात को लेकर आम सहमति है कि यह परियोजना न सिर्फ पाकिस्तान और चीन को फायदा पहुंचाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र पर इसके दूरगामी प्रभाव होंगे।’’ उन्होंने अपने चीनी समक्ष को सूचित किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान अगले महीने बीजिंग में होने वाले दूसरे बेल्ट एंड रोड फॉरेम में हिस्सा लेने को इच्छुक हैं। गौरतलब है कि अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों ने बीआरआई को लेकर चिंता जताई हैं।