Hindi News इलेक्‍शन कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस को एक साथ लाने में है माया-ममता का हाथ!

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस को एक साथ लाने में है माया-ममता का हाथ!

बता दें कि बीएसपी ने चुनाव पूर्व कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन किया था और 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। मायावती ने खुद चुनाव प्रचार के दौरान जेडीएस नेताओं के साथ मिलकर रैली भी संबोधित की थी।

Mayawati-Mamata brokered alliance between Congress and JD-S in Karnataka- India TV Hindi कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस को एक साथ लाने में है माया-ममता का हाथ!

नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार बनाने पर सस्पेंस गहरा गया है। बहुमत के आंकड़े से बीजेपी को चंद कदम दूर देखते ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन का ऐलान कर दिया जिससे कर्नाटक की सियासत में नया मोड़ आ गया है और इस नए समीकरण के पीछे है दो महिलाओं का हाथ। सूत्रों के अनुसार मायावती और ममता बनर्जी ने कांग्रेस के इस दांव को मजबूत बनाने में अहम सहयोग दिया। उनके कहने पर ही जेडीएस ने चुनाव के दौरान विरोधी रही कांग्रेस का ऑफर स्वीकार करने में देर नहीं की। बताया जा रहा है कि माया ने ही सोनिया और जेडीएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा से बात करके उन्हें एक साथ आने और सरकार बनाने के लिए का सुझाव दिया था।

बता दें कि बीएसपी ने चुनाव पूर्व कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन किया था और 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। मायावती ने खुद चुनाव प्रचार के दौरान जेडीएस नेताओं के साथ मिलकर रैली भी संबोधित की थी। यद्यपि बीएसपी का वोट शेयर 2013 के चुनाव के मुकाबले 1.16 फीसदी से घटकर इस बार 0.3 फीसदी रहा हो लेकिन फिर भी वह राज्य में पहली बार एक सीट जीतने में कामयाब रही।

माया ही नहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस के ऑफर पर जेडीएस को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस- जेडीएस अगर गठबंधन करके चुनाव लड़ते तो नतीजे अलग होते। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी के इस ट्वीट ने भी चुनाव के बाद बदली परिस्थिति में जेडीएस और कांग्रेस को साथ आने में अहम योगदान दिया है। बता दें कि ममता बनर्जी लगातार थर्ड फ्रंट के गठन को लेकर काफी एक्टिव हैं।

सूत्रों के अनुसार जब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कर्नाटक के हालात की जानकारी सोनिया गांधी को दी, तो इसके बाद सोनिया गांधी ने खुद एचडी देवेगौड़ा को फोन किया। दोनों बड़े नेताओं की बातचीत के बाद ही जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन पर आखिरी फैसला हुआ। कांग्रेस पार्टी ने कुमारस्वामी को सीएम बनाने की पेशकश की, जिसे जेडीएस नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया।

इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। नतीजों के बाद कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है। कांग्रेस के एक विधायक ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उन्हें पैसे और मंत्री पद का ऑफर दिया है। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि बीजेपी को समर्थन के बदले उन्हें रुपये की पेशकश की गई और मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेते केएस इश्वरप्पा ने दावा किया है कि कर्नाटक में बीजेपी की ही सरकार बनेगी।